श्लोकोच्चारण में आंचल रही प्रथम
गीता जयन्ती पर महाविद्यालय में आयोजित की गई प्रतियोगिता
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : गीता जयन्ती पर राजकीय स्नतकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार में श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिमें एमए तृतीय वर्ष की छात्रा आँचल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
डॉ. अरुणिमा संस्कृत विभाग प्रभारी ने श्रीमदभगवतगीता की वर्तमान समय मे उपयोगिता और आवश्यकता पर विधिवत प्रकाश डालते हुए कहा कि गीता सर्वशास्त्रमयी है। सत-असत विवेक की अवस्था में साधक द्वारा किया गया निष्कामकर्म अज्ञान एवं मोहनाशक है। गीता के प्रत्येक श्लोक के प्रत्येक शब्द ज्ञानमयी ज्योत्स्ना से ओतप्रोत हैें। महाविद्यालय की प्राचार्या जानकी पंवार द्वारा बताया गया कि गीता उपनिषद का सार है। वेद भगवान का निश्वास है और गीता भगवान की वाणी है। कहा कि गीता सागर का भी सागर है गीता के अनुसार “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन ” कहकर कर्म की इस गहनता को जीवन में उतारने के लिए प्रेरित किया। डॉ. रोशनी असवाल, डॉ. मनोज एवं, डॉ. प्रियम अग्रवाल ने बताया कि श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर आँचल एमए तृतीय सेम, द्वितीय स्थान पर प्रकृति बीए प्रथम वर्ष, तृतीय स्थान पर अभिषेक नेगी बीए प्रथम वर्ष रही। निबन्ध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर प्रकृति बीए प्रथम वर्ष, द्वितीय स्थान पर आँचल एमए. तृतीय सेम, तृतीय स्थान पर निकिता बीए प्रथम वर्ष रही।