उत्तराखंड

मोर्चा ने किए उपनल की कार्य प्रणाली को लेकर सवाल खड़े

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विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा ने उपनल के जरिये होने वाली नियुक्तियों में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दस प्रतिशत आरक्षण होने के बावजूद आरक्षण न दिए जाने पर रोष व्यक्त किया। मोर्चा ने उपनल की कार्य प्रणाली को लेकर सवाल खड़े किये हैं। कहा कि उपनल ने करीब दो हजार नियुक्तियां अब तक की है। जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर एक मात्र अभ्यर्थी को नियुक्ति दी है। जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने उपनल की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने उपनल व अन्य संस्थाओं में आरक्षण की व्यवस्था की है। जिसमें एससी, एसटी, ओबीसी व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए नियुक्तियों में आरक्षण की व्यवस्था की गयी है। जिसके लिए उपनल में सभी के पंजीकरण की व्वयस्था की गयी है। लेकिन सरकार की व्यवस्था के बाद अब तक उपनल ने 1986 अभ्यर्थियों को नियोजित करने का काकम किया है। जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के एक अभ्यर्थी को ही नियोजित किया है। कहा कि इस तरह से उपनल ने कमजोर वर्ग के लोगों को नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है। साथ ही क्षैतिज आरक्षण की परिधि में आने वालों, एससी, एसटी व ओबीसी के युवाओं के साथ भी छल किया है। नेगी ने आरोप लगाया है कि उपनल सिर्फ नियुक्तियों से संबंधित विभागों और साठगाठ के आधार पर नियोजन व प्रायोजन का कार्य करता है। नेगी ने कहा कि उपनल जैसी गैर जिम्मेदार संस्था को इस तरह की जिम्मेदारी देकर युवाओं के साथ छल करने का ठेका सरकार ने उपनल को दिया है। जिसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। इस दौरान मोर्चा के नेता विजयराम शर्मा व दिलबाग सिंह मौजूद रहे।

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