देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने प्रदेशवासियों को उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी है। उन्होंने इस अवसर पर राज्य निर्माण आंदोलन के सभी ज्ञात-अज्ञात अमर शहीदों और आंदोलनकारियों का भावपूर्ण स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। स्थापना दिवस की पूर्व संध्या में जारी अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा कि आज हम सभी उत्तराखण्ड के स्थापना दिवस की 24वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस यात्रा में हमारे राज्य ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे, अनगिनत सपनों को साकार होते देखा, और आज हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि हमारा उत्तराखण्ड विकास के एक नए अध्याय की ओर अग्रसर है।
उन्होंने कहा रजत जयंती वर्ष में कदम रखते हुए हम अपने राज्य को एक नई ऊँचाई पर ले जाने का संकल्प लें, जहाँ हमारी समृद्ध संस्कृति, परंपरा, और जनहित की नीतियों का सामंजस्य हो। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कथन को साकार करने की दिशा में एवं 21वीं शताब्दी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने की यात्रा में यह वर्ष महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर हम अपने देश के मानचित्र को गौर से देखें तो उत्तराखण्ड भारत के हृदय के समान नजर आता है। अनादिकाल से हिमालय और उत्तराखण्ड पूरे विश्व के लिए अध्यात्म और दिव्यता से परिपूर्ण रक्तरूपी ऊर्जा का संचार करता रहा है, तो ऐसे में हमारे प्रदेश को भारत का हृदय कहना एक प्रकार से सही ही है। आज प्रदेश के विकास की प्राथमिकताएं और चुनौतियां दोनों ही हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड की युवा शक्ति हमारे विकास की धुरी है। उन्हें रोजगार के नए अवसर प्रदान करना, उद्यमिता को बढ़ावा देना, और स्वरोजगार की संभावनाओं को विकसित करना हमारी प्राथमिकता है। राज्य में तकनीकी संस्थान, कौशल विकास केंद्र और स्टार्टअप के अनुकूल वातावरण बनाकर हमें युवाओं को प्रोत्साहित करना है।
सरकार ने नौकरियों में भी युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ठोस पहल की है। वर्तमान परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए हमें नवीन तकनीकों के क्षेत्र में भी अपनी बढ़त बनाते हुए, विश्व में अग्रणी बनने के प्रयास सुनिश्चित करने चाहिए।