ऋषिकेश मौसम में बदलाव लोगों की सेहत पर असर डाल रहा है। सरकारी अस्पताल में हर दिन जुकाम, डायरिया और खांसी के 100 मरीज पहुंच रहे हैं। इनमें ज्यादा बच्चे शामिल हैं। चिकित्सक उन्हें दावा के साथ खानपान में सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। ठंडे पेयजल और जंक फूड से परहेज करने के लिए भी कहा जा रहा है। सोमवार को सरकारी अस्पताल की ओपीडी में फिजिशियन और बाल रोग विशेषज्ञ कक्ष के बाहर मौसमी बीमारी से ग्रसित मरीज की कतार नजर आई। ओपीडी का पर्चा बनाने के लिए भी काउंटर भी सुबह से दोपहर तक लाइनें लगी रहीं। ज्यादातर मरीजों की शिकायत पेट संबंधित रोग, जिनमें उल्टी-दस्त और खांसी और जुकाम थी। जबकि, माता-पिता बच्चों में भी यही शिकायत ओपीडी में बाल रोग विशेषज्ञ कक्ष में पहुंचे। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रोहित उपाध्याय ने बताया कि आम दिनों के मुकाबले ओपीडी में 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। खासकर बच्चों से लेकर 18 वर्ष के नौजवान लूज मोशन और उल्टी की शिकायत बता रहे हैं। उन्हें आवश्यक दवा दी जा रही है। परामर्श के तौर पर बाहर के खाने से परहेज की सलाह दी जा रही है। जंक फूड, गन्ने का जूस और खुल खाद्य पदार्थों से दूर रहने के लिए भी कहा जा रहा है। वहीं, फिजिशियन डॉ. अमित रौतेला ने बताया कि गर्म मौसम में धूप में बेवजह निकलने से बचना चाहिए। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर भी ज्यादातर रूकने से परहेज की आवश्यकता है। मास्क का इस्तेमाल ऐसे स्थानों पर करने ठीक है। सरकार को हाइड्रेड रखने से भी इस मौसम में सेहत को अच्छा रखा जा सकता है। बताया कि ओपीडी हर दिन लगभग 200 मरीज आ रहे हैं।
उधर, सीएमएस डॉ. प्रदीप कुमार चंदोला ने बताया कि अस्पताल में इन दिनों 400 तक ओपीडी पहुंच रही है। जबकि, औसतन ओपीडी 300 के आसपास रहती है।