उत्तरकाशी जिपं अध्यक्ष की बर्खास्ती आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक आगे बढ़ाई
नैनीताल। हाईकोर्ट ने उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण को अध्यक्ष पद से हटाने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने सरकार के बर्खास्तगी आदेश पर लगी रोक को आगे बढ़ा दिया है। याचिकाकर्ता से एसआईटी की रिपोर्ट पर सात मार्च तक आपत्ति पेश करने को कहा है। सरकार की ओर से कोर्ट को अवगत कराया गया कि इनके खिलाफ वित्त अधिकारी व एमएनए के विरुद्घ भी 19 लाख से अधिक गबन के साक्ष्य एसआईटी को मिले हैं। इनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो चुका है, इसलिए पूर्व में मिले स्टे आदेश को निरस्त किया जाए। मामले के अनुसार जिंप अध्यक्ष ने याचिका दायर कर कहा कि कुछ सदस्यों ने उनके खिलाफ सीएम को पत्र भेजकर शिकायत की थी कि उनके द्वारा सरकारी धन का दुरपयोग व करोड़ों रुपये की अनिमियत्ताएं की गई हैं। जिस पर सीएम ने इस प्रकरण की जांच के लिए सचिव पंचायती राज को आदेश दिए थे। सचिव ने इसकी जांच जिलाधिकारी उत्तरकाशी से कराई। डीएम ने अपनी रिपोर्ट में अनियमितताएं बरतने की आंशिक पुष्टि की। एक अक्तूबर 2021 को अध्यक्ष ने सरकार के नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने कोई वित्तीय अनियमितता नहीं की है। यह शिकायत उनके खिलाफ राजनीतिक दुर्भावना से की गई है। शिकायतकर्ता का कहना है कि अध्यक्ष ने सरकारी धन का दुरपयोग कर निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग किया। करोड़ों रुपये के फर्जी निर्माण कार्य दिखाए गए हैं। मजदूरों के फर्जी मस्टरोल भरे गए हैं। इस शिकायत को आधार मानकर उन्हें 7 जनवरी 2022 को सरकार ने जिला पंचायत अध्यक्ष के पद से हटा दिया था।