नई दिल्ली , भारत के रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में एक बड़े विकास के तहत, दिग्गज उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनी ‘अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस अब लड़ाकू विमानों के निर्माण में कदम रखने जा रही है। कंपनी ने रक्षा मंत्रालय के महत्वाकांक्षी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट कार्यक्रम में अपनी भागीदारी की आधिकारिक पुष्टि कर दी है। यह भारत की सबसे प्रमुख पांचवीं पीढ़ी की स्टील्थ लड़ाकू विमान परियोजना है।
कंपनी के सीईओ आशीष राजवंशी ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि यह कार्यक्रम फिलहाल ‘रुचि पत्र चरण में है, जिस पर प्रतिक्रिया देने की अंतिम तिथि 30 सितंबर है। अडानी डिफेंस ने इस परियोजना के लिए बोली लगाने में अपनी रुचि स्पष्ट कर दी है।
राजवंशी के अनुसार, एएमसीए एक 10 वर्षीय विकास कार्यक्रम है, जिसके सफल कार्यान्वयन के बाद पहला स्वदेशी स्टील्थ लड़ाकू विमान 2034-35 तक भारतीय वायु सेना के बेड़े में शामिल होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, यदि हमें यह प्रोजेक्ट मिलता है, तो हम बाद में उत्पादन में तेजी लाएंगे।
गौरतलब है कि हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एएमसीए कार्यक्रम को मंजूरी दी थी, जिसके बाद पहली बार इस कार्यक्रम में सरकारी क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र की भागीदारी का रास्ता भी खुल गया है। सरकार ने इस परियोजना के शुरुआती चरण पर लगभग 15,000 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान लगाया है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (ष्ठक्रष्ठह्र) के तहत एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (्रष्ठ्र) द्वारा संचालित यह परियोजना, भारत का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी लड़ाकू विमान विकास कार्यक्रम है। ्ररूष्ट्र को दो इंजन वाले 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान के रूप में डिजाइन किया गया है, जो दुश्मन के रडार को चकमा देने में माहिर होगा। यह विमान हवाई हमले, जमीनी हमले और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध मिशन को एक साथ अंजाम देने में पूरी तरह सक्षम होगा।