उत्तराखंड

नक्षत्र वेधशाला को नया स्वरूप मिलने की जगी आस

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नई टिहरी। तीर्थनगरी देवप्रयाग में 1946 में स्थापित नक्षत्र वेधशाला संस्थान को देश के मुख्य चुनाव आयुक्त सतीश चन्द्रा के भ्रमण से नया स्वरूप मिलने की आशा जगी है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने भ्रमण में साथ प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम आकांक्षा वर्मा व एसडीएम सोनिया पंत को वेधशाला में संग्रहीत दुर्लभ धरोहर के संरक्षण के लिए शासन स्तर पर आवश्यक कार्रवाई किए जाने को कहा। बीते सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चन्द्रा अपनी धर्मपत्नी के साथ देवप्रयाग भ्रमण पर पहुंचे थे। जहां उन्होंने नक्षत्र वेधशाला का भ्रमण यहां संग्रहित प्राचीन भृगु संहिता, सन 1620 की वास्तु शिरोमणि, प्रदीप रामायण, एक पृष्ठ पर अंकित गीता, पीपल के पत्तों पर बनी कला तियां, सूर्य घटी, जल व धुव्र घटी सहित विदेशी दूरबीनों का निरीक्षण किया। इसके साथ ही उन्होंने यहां राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन नई दिल्ली की ओर से प्राचीन पांडुलिपियों पर किए जा रहे उपचार आदि के कार्य को भी देखा।

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राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन की ओर से वर्ष 2019 से यहां दुर्लभ हस्त लिखित ग्रंथो को रासायनिक विधि से सुरक्षित किए जाने का कार्य शुरू किया गया है। लेकिन वेधशाला में अन्य प्राचीन महत्वपूर्ण धरोहर को संरक्षित किए जाने की फिलहाल कोई व्यवस्था नहीं बन पाई है। संस्था प्रमुख आचार्य भास्कर जोशी ने मुख्य चुनाव आयुक्त सतीश चन्द्रा को वेधशाला में संग्रहीत विभिन्न विषयों की 25 हजार महत्वपूर्ण ग्रथों, फोटोग्राफ्स, महत्वपूर्ण घटनाओं के अखबारों, मानचित्रों, कलातियों, सिक्को आदि को संरक्षित किए जाने की आवश्यकता बताई गई। जिस पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने अपने स्तर से इस कार्य में हर संभव सहयोग देने की बात कही।

 

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