संस्त भाषा को संरक्षित कर रहे देश के संस्त संस्थानरू गिरी
नई टिहरी। केन्द्रीय संस्त विश्वविद्यालय, श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में संस्त की राज्य स्तरीय शास्त्रीय स्पर्धाओं की शुरुआत हुई। प्रतियोगिता में राज्यभर के विभिन्न संस्त विद्यालयों, महाविद्यालयों के विद्यार्थी भगवत गीता, काव्य कंठपाठ, धातुरूप, वेद, व्याकरण भाषण, अष्टाध्यायी कंठपाठ इत्यादि स्पर्धाओं में प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। तीन दिवसीय स्पर्धाओं के विजेताओं का चयन अखिल भारतीय स्तर की स्पर्धाओं के लिए किया जाएगा। शुक्रवार को राज्यस्तरीय संस्त शास्त्रीय स्पर्धा कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि एडीएम पौड़ी इला गिरी ने किया। एडीएम ने संस्त को भारत का गौरव बताते हुए कहा कि, देशभर के संस्त के संस्थान धन्यवाद के पात्र हैं, जो हमारी इस भाषा रूपी धरोहर को संरक्षित कर उसका प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संस्त में अनेक विशेषताओं के कारण दुनिया इस भाषा का लोहा मानती है। विशिष्ट अतिथि एचएनबी गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय, श्रीनगर के छात्र कल्याण संकाय प्रमुख प्रो़ एमएस नेगी ने कहा कि नई शिक्षा नीति से देश की शिक्षा में सकारात्मक बदलाव आएंगे, जो हमारे विद्यार्थियों और देश के भविष्य के लिए लाभदायक होंगे। उन्होंने माना शुरुआत में इस नीति को लागू करने में कुछ कठिनाइयां आएंगी। प्रो़ नेगी ने कहा कि संस्त का ज्ञान व्यक्ति में सम्पूर्णता लाती है। आज हमें रोजगारपरक शिक्षा की आवश्यकता है, ताकि देश में बेरोजगारी कम हो सके। कहा कि श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर उत्तराखण्ड में ही नहीं, देश में भी संस्त शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थान के रूप में प्रसिद्घि प्राप्त कर रहा है।
निदेशक प्रो़ एम़चन्द्रशेखर ने स्पर्धा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि इसमें विभिन्न संस्थानों से आये विद्यार्थी तीन दिन तक स्वयं को श्रेष्ठतम सिद्घ करने का प्रयास करेंगे। छात्रों के परिश्रम, बौद्घिक क्षमता एवं लगन का निष्पक्ष आंकलन किया जाएगा। शास्त्रीय स्पर्धाओं श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर, पतंजलि गुरुकुलम् देवप्रयाग, श्रीमद् दयानन्द आर्ष, ज्योतिर्मठ गुरुकुलम पौंधा, श्री भगवानदास आदर्श संस्त महाविद्यालय व पतंजलि गुरुकुल, हरिद्वार, पंजाब सिंध क्षेत्र साधु महाविद्यालय,ाषिकेश, पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार, दुर्गादत्त कपिलाश्रमी संस्त महाविद्यालय ,हल्द्वानी तथा ब्रिगेडियर विद्यादत्त जुयाल संस्त महाविद्यालय भुवनेश्वरी आदि भाग ले रहे है। इस मौके पर साहित्य विभाग संयोजक प्रो़ विजयपाल शास्त्री, ड़ अनिल कुमार, ड़ सच्चिदानन्द स्नेही, ड़ शैलेंद्र प्रसाद उनियाल, ड़ पाशंकर शर्मा, ड़ वीरेन्द्र सिंह बर्त्वाल, ड़ अरविन्द सिंह गौर, ड़ सुरेश शर्मा, ड़ आशुतोष तिवारी, ड़ मोनिका बोल्ला, ड़ अवधेश बिजल्वाण, ड़ अमन्द मिश्र, पंकज कोटियाल, रघु बी़ राज, जनार्दन सुवेदी, नवीन डोबरियाल आदि उपस्थित रहे।