नई दिल्ली , लोकसभा सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज ने संसद में रेलवे बजट पर चर्चा के दौरान पठानकोट-जोगिंदरनगर रेलवे लाइन को ब्रॉडगेज में बदलने और डलहौजी, खजियार व चंबा के लिए नई रेलवे लाइन का सर्वे कराने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यदि अंग्रेजों के जमाने में बिना आधुनिक तकनीक के भलकू राम के मार्गदर्शन में कालका-शिमला रेलवे लाइन बनाई जा सकती थी, तो आज नवीनतम तकनीक के साथ हिमाचल के इन पर्यटक स्थलों तक रेल पहुंचाने में कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए।
हिमाचल के रेलवे विस्तार पर जोर
डॉ. भारद्वाज ने कहा कि पठानकोट-जोगिंदरनगर रेलवे लाइन का निर्माण ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ था, लेकिन तब से अब तक इसमें कोई विस्तार नहीं हुआ। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि इस क्षेत्र में भी रेलवे विकास को गति दी जाए ताकि पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिल सके।
रेल बजट के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद
उन्होंने इस वर्ष के रेलवे बजट में हिमाचल प्रदेश के लिए 2716 करोड़ रुपये के प्रावधान के लिए रेल मंत्री और केंद्र सरकार का आभार जताया। इसके अलावा, उन्होंने अंब, अंदौरा, बैजनाथ, पपरोला, पालमपुर और शिमला रेलवे स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना में शामिल किए जाने पर भी संतोष व्यक्त किया।
विकसित भारत की ओर रेलवे का कदम
डॉ. भारद्वाज ने बताया कि वर्ष 2023-24 में हिमाचल प्रदेश को 1838 करोड़ रुपये का रेलवे बजट मिला था, जो पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के मुकाबले 17 गुना अधिक था। उन्होंने रेलवे को देश की धडक़न और लाइफलाइन बताते हुए कहा कि भारत में वर्तमान में 1,15,000 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक है, जो दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है।
रेलवे के नए अध्याय का स्वागत
सांसद ने 200 नई वंदे भारत ट्रेनों, 100 अमृत भारत ट्रेनों और 50 नमो भारत रैपिड रेलगाडिय़ों के परिचालन की घोषणा को ऐतिहासिक बताया। साथ ही, 15,500 नए नॉन-एसी कोच, 1,16,514 करोड़ रुपये के रेलवे सुरक्षा बजट और 2000 नए फुट ओवर ब्रिज के निर्माण को यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए सराहनीय कदम बताया।
विपक्ष पर साधा निशाना
डॉ. भारद्वाज ने विपक्ष की रेलवे बजट को लेकर उदासीनता पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी नकारात्मक मानसिकता रेलवे विकास को हतोत्साहित करती है और जनविरोधी रवैये को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान बजट विकसित भारत की यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ेगा।
निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश के लिए रेलवे विस्तार की मांग को लेकर संसद में उठी आवाज ने प्रदेशवासियों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। अब देखना होगा कि केंद्र सरकार इन प्रस्तावों पर कब और कैसे अमल करती है।
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