भाजपा-कांग्रेस में ठनी, चुनाव आयोग के पास पहुंचा मामला, शाह-योगी को चुनाव प्रचार से अलग करने की मांग
नई दिल्ली, एजेंसी। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान में दो सप्ताह से भी कम समय शेष रह गया है। राज्य में भाजपा और कांग्रेस का चुनाव प्रचार अभियान चरम पर है। इस बीच दोनों पार्टियों के बीच तीखे बयानबाजी का दौर भी तेज हो गया है। दोनों पार्टियों के दिग्गज नेता एक-दूसरे पर जमकर हमला कर रहे हैं। लेकिन अब यह मामला चुनाव आयोग के पास पहुंच गया है।
एक तरफ कांग्रेस ने चुनाव आयोग से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनाव प्रचार से अलग करने की मांग की। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा ने ‘जहरीले सांप’ वाले बयान को लेकर मल्लिकार्जुन खरगे को चुनाव प्रचार से रोकने और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
कांग्रेस ने शुक्रवार को चुनाव आयोग से अमित शाह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कथित बयानों के लिए कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने से रोकने का अनुरोध किया।
अभिषेक सिंघवी, पवन कुमार बंसल और मुकुल वासनिक सहित कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों से मुलाकात की और चुनाव निकाय से अनुरोध किया कि राज्य में एक समान अवसर सुनिश्चित किया जाए। प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि अमित शाह और योगी आदित्यनाथ ने कर्नाटक में चुनावी लाभ के लिए चुनाव प्रचार के दौरान झूठे, पक्षपातपूर्ण और सांप्रदायिक बयान दिए। उन्होंने मांग की कि उन्हें राज्य में प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को इन नेताओं के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
चुनाव आयोग के कार्यालय के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए सिंघवी ने कहा, हमने अभी-अभी चुनाव आयोग के साथ बहुत ही लाभदायक और महत्वपूर्ण बैठक समाप्त की।हमने विशेष रूप से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व, विशेष रूप से गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की ओर से किए जाने वाले अत्यधिक आपत्तिजनक, स्पष्ट रूप से पक्षपातपूर्ण, सांप्रदायिक और झूठे बयानों के बारे में शिकायत की। सिंघवी ने कहा, उन्होंने स्पष्ट रूप से अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ बयान दिए हैं… हमने ऐसे लोगों के प्रचार करने पर रोक लगाने की मांग की है।
भाजपा नेता बासनगौड़ा पाटिल यतनाल द्वारा सोनिया गांधी के खिलाफ की गई ‘विषकन्या’ टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर सिंघवी ने कहा कि पार्टी चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाने सहित सभी उपलब्ध कानूनी विकल्पों का उपयोग करेगी। उन्होंने कहा, यह सोनिया गांधी के खिलाफ बेहद अपमानजनक और गंदे स्तर की टिप्पणी है… हम चुनाव आयोग सहित सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे।
कांग्रेस के बाद भाजपा ने भी चुनाव आयोग से मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने और उन्हें कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकने का अनुरोध किया। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘जहरीले सांप’ वाले बयान के लिए कांग्रेस अध्यक्ष पर हमला तेज कर दिया।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के नेतृत्व में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला। उन्होंने ने संवाददाताओं से कहा कि खरगे की टिप्पणी केवल जुबान फिसलने वाली नहीं है बल्कि कांग्रेस की “घृणा की राजनीति” का हिस्सा है। उन्होंने पार्टी पर वैमनस्य फैलाने और दक्षिणी राज्य में उच्च-दांव वाले चुनावों से पहले लोगों को भड़काने का आरोप लगाया।
भाजपा महासचिव तरुण चुघ ने कहा कि खरगे एक “आदतन अपराधी” हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने पीएम मोदी पर कई “घृणित” व्यक्तिगत हमले किए हैं। भाजपा ने आईपीसी की धारा 499 और 500 जो मानहानि से संबंधित है और धारा 504 जो जानबूझकर अपमान और उकसावे के अपराध से संबंधित है, के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी और पार्टी नेता ओम पाठक भी शामिल थे।