नगर निगम कोटद्वार में लाखों के गबन को महापौर ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण शर्मसार करने वाली घटना

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शासन-प्रशासन से जांच करने की मांग
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। नगर निगम के खाते से 23 लाख रूपये की धनराशि को जाली हस्ताक्षरों से निकाले जाने की घटना को लेकर नगर निगम की महापौर श्रीमती हेमलता नेगी ने दुर्भाग्यपूर्ण शर्मसार करने वाली घटना बताया है। उन्होंने शासन प्रशासन से उक्त धनराशि के गबन के मामले की जांच करते हुए दोषियों को सख्त सजा दिये जाने की बात कही है।
महापौर ने कहा कि वर्तमान में नगर निगम बनने के बाद लगातार नगर निगम में पैसों का दुरूपयोग होने की शिकायतों के चलते उन्होंने पैसों की गड़बडी करने वाले तत्कालीन सहायक नगर आयुक्त, लेखा का कार्य देख रहे कर्मचारी तथा संविदा पर कार्यरत जेई की जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी थी तथा तत्कालीन नगर आयुक्त योगेश मेहरा से निगम का लेखा काम देख रहे कर्मचारी व संविदा पर कार्यरत जेई के पटलों को बदलने के निर्देश दिये थे। जिस पर तत्कालीन नगर आयुक्त योगेश मेहरा ने तत्काल संज्ञान लेते हुए उक्त कर्मचारियों के पटलों को बदल दिया गया था। जिसके बाद उक्त कर्मचारियों ने क्षेत्रीय प्रतिनिधि की मद्द से शासन स्तर पर चल रही जांच रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डलवा दिया। तथा एक बार फिर से क्षेत्रीय प्रतिनिधि के द्वारा वर्तमान में कार्यरत नगर आयुक्त पर दबाव बनाते हुए उन्हीं विवादित कर्मचारियों को फिर से चार्ज दिलवा दिया। जिससे पैसों के गबन जैसी घटनाओं ने जन्म ले लिया। महापौर हेमलता नेगी ने कहा कि नगर निगम में किसी भी प्रकार की पैसों के गबन की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने शासन प्रशासन से उक्त घटना की जांच करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की मांग की है।

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