शंभू बॉर्डर खोलने के लेकर किसानों और प्रशासन के बीच हुई मीटिंग, नहीं निकला कोई भी नतीजा
नई दिल्ली , शंभू बार्डर पर किसानों का धरना 6 महीने बाद भी जारी है। जिसको लेकर आज किसानों और प्रशासन के बीच पटियाला पुलिस लाइन में दूसरी बैठक हुई। लेकिन इस बैठक में भी कोई फैसला नहीं निकल पाया।
मीटिंग में प्रशासन के अधिकारी और किसान नेता मौजूद थे। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मीटिंग के बाद कहा कि हमने कोई रास्ता बंद नहीं किया है। रास्ता हरियाणा व केंद्र सरकार की तरफ से बंद किया गया है। ऐसे में सरकार को शंभू बार्डर खोलना चाहिए। हमने प्रशासन के सामने अपनी बातें रखी है। हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार है। शंभू बॉर्डर संबंधी केस लेकर हम सुप्रीम कोर्ट नहीं गए। यह केस उदय प्रताप वर्सेज हरियाणा सरकार है। हम तो इसलिए आए है कि मीडिया में यह बात न जाए कि इन्हें बुलाया और मीटिंग के लिए नहीं गए। मुद्दे पहले दिन से ही साफ है। हमारी तरफ से कोई रुकावट नहीं है। हम तो 13 फरवरी से कर रहे है रास्ता न रोका जाए। वहीं, जब उनसे पूछा किया जब रास्ता खुल गया तो वह क्या करेंगे। इस पर पंधेर ने कहा कि रास्ता खुलने के बाद दोनों फोरम की मीटिंग की जाएगी। जिसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा।
वहीं, उन्होंने कहा कि हरियाणा चाहता है कि किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियां लेकर दिल्ली न जाए। लेकिन वह बिना ट्रैक्टर ट्रॉली दिल्ली नहीं जाएंगे। हम पहले दिन से अपनी बात उन्हें साफ कर चुके है। इसके अलावा मीटिंग को लेकर एजेंडा नहीं था। वहीं, इस मीटिंग जगजीत सिंह डल्लेवाल शामिल नहीं हुए। क्योंकि उन्हें एक मीटिंग में शामिल होने के लिए साउथ में जाना था। इससे पहले 21 तारीख को भी इस मामले को लेकर मीटिंग हुई थी। किसान नेता सरबजीत सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल 31 अगस्त को शंभू बार्डर समेत 3 जगह पर किए जाने वाले प्रदर्शन को लेकर रणनीति बनाई गई है। किसानों का साफ कहना है कि वह भी चाहते हैं कि रास्ता सबके लिए खोला चाहिए। रास्ता हरियाणा सरकार ने बंद किया है। उन्होंने कहा कहा कि प्रशासन की नीयत में खोट है। बता दें कि शंभू बॉर्डर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों सरकारों को किसानों के साथ बैठकें जारी रखने के आदेश दिए थे।