व्यापारी बोले-हमने दुकान छोड़ने को नहीं कहा, मुस्लिम समुदाय ने कहा- हमें किसी से नहीं शिकायत
पुरोला (उत्तरकाशी) । डीएम, एसपी जब पुरोला के लोगों को समझाने पहुंचे तो व्यापारियों ने साफ कहा कि उन्होंने किसी को दुकान छोड़ने को बाध्य नहीं किया। दूसरी ओर, मुस्लिम समुदाय ने भी कहा कि उन्हें किसी से कोई शिकायत नहीं है। कुछ शरारती तत्व माहौल बिगाड़ रहे हैं। वहीं, नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन ने तो पोस्टर लगाने वालों पर कार्रवाई की मांग भी की।
डीएम ने सभी से सौहार्द और शांति बनाए रखने की अपील की।सोमवार को पुरोला पहुंचे जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला और एसपी अर्पण यदुवंशी की व्यापार मंडल और मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ करीब ढाई घंटे बैठक चली। स्थानीय लोगों ने मांग की कि शहर में सामूहिक नमाज न पढ़ी जाए। इस पर मुस्लिम समुदाय ने अपनी सहमति जताई।
स्थानीय लोगों ने भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष के बयान पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की। व्यापार मंडल अध्यक्ष बृजमोहन चौहान ने कहा कि स्थानीय व्यापारियों की ओर से किसी को भी दुकानें बंद करने के लिए नहीं कहा गया। इस पर मो. अशरफ ने कहा कि 45 वर्ष में उनके साथ किसी ने बदसलूकी नहीं की।
बैठक में जनप्रतिनिधियों ने बाहरी व्यक्तियों के अनिवार्य सत्यापन की मांग की। इस पर एसपी अर्पण यदुवंशी ने कहा कि बाहर से आने वाले व्यक्तियों का सत्यापन उनके गृह जनपद से ही करवाया जाएगा। इसके लिए एक पुलिसकर्मी विशेष तौर पर तैनात किया जाएगा। वहीं, डीएम रुहेला ने कहा कि पुरोला की बैठक में सभी लोगों की दुकानें खोलने पर सहमति बनी है।
पुरोला छोड़ चुके भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष जाहिद मलिक ने पुरोला में 27 मई को हुए प्रदर्शन के दौरान समुदाय विशेष की महिलाओं के लिए स्थानीय लोगों की ओर से अपशब्द बोलने के आरोप लगाए हैं। इसका पुरोला में रह रहे समुदाय विशेष के लोगों ने खंडन किया है।
इस संबंध में तीन लोगों ने एसडीएम पुरोला को ज्ञापन देते हुए कहा कि जाहिद का बयान गलत है, किसी भी व्यक्ति ने महिलाओं के खिलाफ कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की।
सोमवार को पुरोला में निवास कर रहे मुस्लिम समुदाय के बाले खां, मोहम्मद अशरफ और जावेद ने एसडीएम पुरोला को दिए ज्ञापन में कहा है कि जाहिद मलिक ने सोशल मीडिया में प्रसारित वीडियो में कहा है कि 27 मई को पुरोला में स्थानीय लोगों के किए प्रदर्शन के दौरान उनके समुदाय की महिलाओं को अपशब्द बोले गए। ये आरोप पूरी तरह गलत हैं।
उनका कहना है कि प्रदर्शन के दिन उनका परिवार अपने घर पर ही था। किसी भी व्यक्ति ने समुदाय की महिलाओं को अपशब्द नहीं बोला है। जिस दिन जाहिद मलिक की पत्नी अपने परिजनों के साथ दुकान खाली करने आई थीं, उस दिन भी किसी ने उनके साथ कोई बदसलूकी नहीं की। भाजपा नेता जाहिद मलिक शहर छोड़ चुके हैं।