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विदेश मंत्रालय ने कहा- सुमी में फंसे भारतीय छात्रों को लेकर सरकार चिंतित, सीजफायर को लेकर बनाया जा रहा है दबाव

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नई दिल्ली, एजेंसी। यूक्रेन के कुछ इलाकों में अभी भी भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने युद्घ के बीच फंसे अपने नागरिकों को लेकर चिंता जताई है। प्रेस कांफ्रेंस में मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि सरकार छात्रों को लेकर बहुत चिंतित है। युद्घक्षेत्र सुमी से छात्रों की निकासी के लिए वहां युद्घविराम को लेकर दबाव बनाया जा रहा है।
बागची ने मीडिया ब्रीफिंग में जानकारी दी कि रूस और यूक्रेन की सरकारों पर सुमी में भी युद्घक्षेत्र घोषित करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। भारतीय सरकार कई माध्यमों के जरिए सीजफायर घोषित करने के लिए बात कर रही है, ताकि भारतीय छात्रों को वहां से एक सुरक्षित गलियारा बनाकर बाहर निकाला जा सके।
बागची ने बताया कि सरकार ने युद्घ के बीच फंसे भारतीय छात्रों से सावधानी बरतने की भी अपील की है। उन्होंने बताया कि छात्रों को सुरक्षित स्थानों के भीतर ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही उन्हें अनावश्यक जोखिम से बचने की भी सलाह दी गई है। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय और दूतावास के अधिकारी सुमी में फंसे छात्रों से लगातार संपर्क में हैं। उन्हें वहां से सुरक्षित बाहर निकालने के प्रयास जारी हैं।
इन हालात के बीच यूक्रेन के सुमी शहर से जो खबरें आ रही हैं, वो कापी चिंता पैदा करने वाली हैं। सुमी शहर का संपर्क पूरी तरह से दूसरे शहर से टूटा हुआ है। कुछ छात्रों की तरफ से यह त्राहिमाम संदेश भेजा गया कि उन्हें किसी भी तरह से वहां से निकाला जाए। यही स्थिति खार्कीव में फंसे छात्रों की भी है। विदेश मंत्रालय का अनुमान है कि सुमी में 900 और खार्कीव में 300 छात्र फंसे हो सकते हैं। भारी हमलों में इन शहरों की बिजली, पानी व दूसरी व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। इन शहरों के निवासी भी पलायन कर गए हैं।
सुमी में फंसे भारतीय छात्रों ने एक वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री मोदी से उनकी जिंद्गी बचाने की अपील की है। छात्रों ने कहा है कि उन्हें मरने के लिए न छोड़ा जाए, उनकी मदद की जाए। पीएम से आग्रह करते हुए छात्रों ने कहा है कि वो जिस क्षेत्र में हैं, वहां रूस की तरफ से पिछले दो दिनों से भीषण बमबारी की जा रही है।
ज्ञात हो कि रूस और यूक्रेन के बीच 10 दिनों से जंग जारी है, लेकिन इस बीच रूस ने सीजफायर का एलान कर दिया है. जंग में फंसे नागरिकों को निकालने के लिए यूक्रेन में मारियुपोल और वोल्नोवाखा में सीजफायर लागू होगा। ग्रीन कारिडोर बनाने के लिए सीजफायर का एलान हुआ है। रूस के इस कदम से यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने में मदद मिलेगी।
उधर, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (न्छभ्ब्त्) की रिपोर्ट के अनुसार, 24 फरवरी को रूस की ओर से शुरू किए गए हमले के बाद 3 मार्च तक 12 लाख से अधिक शरणार्थियों ने यूक्रेन छोड़ दिया है।

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