पंचतत्व में विलीन हुआ शहीद कमल सिंह रावत व अनुज नेगी का पार्थिव शरीर, देशभक्ति के नारों से गूंजी घाटी
कठुआ में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए थे हवलदार कमल सिंह रावत व राइफलमैन अनुज नेगी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : कठुआ में आतंकी हमले में शहीद रिखणीखाल ब्लाक के ग्राम नौदानू निवासी हवलदार कमल सिंह रावत व ग्राम डोबरिया निवासी रायफलमैन अनुज नेगी का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह उनके पैतृक गांव पहुंचा। तिरंगे से लिपटकर आए वीरों के पार्थिव शरीर को देख स्वजनों में कोहराम मच गया। शहीदों की अंतिम विदाई देने के लिए भारी जनसमूह उमड़ा हुआ था। इस दौरान भारत माता की जय के नारों के साथ ही पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों से समूचा रिखणीखाल क्षेत्र गूंज उठा।
मंगलवार शाम सैन्य विमान से दोनों वीर सैनिकों के पार्थिव शरीर कोटद्वार लाये गये। कोटद्वार से दुगड्डा रथुवाढाब होते हुए राइफलमैन अनुज नेगी का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव डोलरिया गांव लाया गया। जहां राजकीय सैनिक सम्मान के साथ मंदाल नदी के तट पर पैतृक घाट टांडा महादेव में पिता भारत सिंह नेगी ने नम आंखों से भारत माता के वीर सपूत को मुखाग्नि दी। 25 वर्षीय अनुज नेगी 2018 में 22 गढ़वाल राइफल का हिस्सा बने। नवम्बर माह में उनकी शादी हुई थी। मई माह के अंत में गांव में छुट्टी पर आए थे।। अनुज अपने घर का इकलौता बेटा था। वह अपने पीछे माँ सुमित्रा देवी, छोटी बहन, पिता भारत सिंह व पत्नी को छोड़ गये। राइफलमैन अनुज नेगी को राजकीय सम्मान के साथ भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए विधायक दिलीप रावत, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक जया बलोनी, पुलिस क्षेत्राधिकारी वैभव सैनी, रिखणीखाल रथुवाढ़ाव के पूर्व सैनिकों ने पुष्पांजलि अर्पित की।
कमल सिंह को चाचा ने दी मुखाग्नि
शहीद कमल सिंह का पर्थिव शरीर बुधवार सुबह उनके पैतृक गांव पहुंचा तो परिवार जनों में कोहराम मच गया। तिरंगे में लिपटकर आए अपने लाल को देखकर माता सुमति देवी, दादी घुमरी देवी, पत्नी रजनी देवी और दोनों बेटियां बिलख पड़ी।
गांव से उनकी अंतिम यात्रा निकली जिसमें जनसैलाब उमड़ पड़ा। गांव के पैतृक मंदाल नदी के घाट पर सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि हुई। शहीद की चिता को अग्नि उनके चाचा कल्याण सिंह ने दी। हवलदार कमल सिंह पिछले दिनों कठुआ में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर हवाई मार्ग से कोटद्वार लाया गया था। बुधवार सुबह उनकी पार्थिव देह को गांव लाया गया। वीर सैनिक के अंतिम दर्शन के लिए उमड़े ग्रामीणों की आंखें नम थीं। जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर गांव में पहुंचा तो शहीद कमल अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा, कमल तेरा नाम रहेगा जैसे नारों से क्षेत्र गूंज उठा।