कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य बदहाल पड़ा है राष्ट्रीय राजमार्ग
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : वर्षाकाल को बीते हुए छ: माह से अधिक का समय हो चुका है। लेकिन, सरकारी सिस्टम ने अब तक कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग मरम्मत की सुध नहीं ली। नतीजा, कहीं पुश्ते ढहे हुए हैं तो कहीं गड्ढे रफ्तार पर ब्रेक लगा रहे हैं। 15 किलोमीटर का सफर चुनौती बनता जा रहा है। वाहनों का दबाव बढ़ने पर राष्ट्रीय राजमार्ग पर लंबा जाम लग जाता है। साथ ही मिट्टी व धूल के कारण दोपहिया वाहन चालकों का भी दम घूट रहा है।
बीते वर्षाकाल के दौरान कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग जगह-जगह बदहाल हो गया था। पांच से अधिक स्थानों पर पहाड़ी से भारी मलबा सड़क पर आ गया था। वहीं, तीन से अधिक स्थानों पर सड़क किनारे का पुश्ता ही ढह गया था। वर्षाकाल के दौरान किसी तरह जेसीबी व पोकलैंड मशीनों से मलबा हटाकर यातायात सुचारु करवाया गया। जान हथेली पर रख सफर कर रहे यात्रियों को वर्षाकाल थमने के तुरंत बाद राष्ट्रीय राजमार्ग मरम्मत का आश्वासन दिया गया था। लेकिन, वर्षाकाल को बीते हुए छ: माह से अधिक का समय हो चुका है और अब तक राष्ट्रीय राजामार्ग की स्थिति जस की तस ही बनी हुई है। वहीं, अब भी हल्की बारिश होने पर जगह-जगह खतरा बना हुआ है। कई स्थानों पर अब भी सड़क का हिस्सा ढहा हुआ है। तिलवाढांग पुलिस चौकी से दुगड्डा के बीच करीब बीस से अधिक डेंजर जोन बनें हुए हैं। इन डेंजर जोन से गुजरते समय वाहन चालकों की सांसें अटकी रहती हैं। कब पहाड़ी से गिरने वाला बोल्डर व मलबा वाहन चालकों के जीवन में भारी पड़ जाए, कहा नहीं जा सकता। वर्षाकाल के दौरान पहाड़ी से आए मलबे की मिट्टी लगातार राष्ट्रीय राजमार्ग पर उड़ रही है।
नहीं बनाई गई पुलिया
राष्ट्रीय राजमार्ग पर आमसौड़ से करीब एक किलोमीटर पीछे कोटद्वार की ओर राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर आवागमन के लिए पुलिया का निर्माण करवाया गया था। लेकिन, दो पुलिया में से एक पुलिया पिछले दो वर्षों से धराशायी पड़ी हुई है। नतीजा, उक्त स्थान पर स्थित एक पुलिया पर ही आवागमन का भार बढ़ गया है। लोगों की शिकायत के बाद भी राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने धराशायी पुलिया की मरम्मत की सुध नहीं ली। ऐसे में यदि दूसरी पुलिया भी धराशायी हो गई तो मैदान से पहाड़ का संपर्क कट जाएगा।