अगली महामारी बेहद करीब, दुनिया तैयार नहींं

Spread the love

-सार्स वायरस वायरस की खोज करने वाले वैज्ञानिक का दावा
नईदिल्ली , लोगों के जहन से कोरोना वायरस महामारी की बुरी यादें अभी तक गई नहीं हैं। इस बीच अगली महामारी को लेकर वैज्ञानिकों के दावों ने चिंताएं और बढ़ा दी हैं। 2003 में कोरोना वायरस की खोज करने वाले हांगकांग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मलिक पीरिस ने कहा है कि जल्द ही एक नई महामारी दस्तक दे सकती है और दुनिया इससे निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार भी नहीं है।
पीरिस ने कहा, हमें महामारियों से निपटने पर अधिक ध्यान देना होगा, क्योंकि यह पूरी तरह से निश्चित है कि एक और महामारी सामने आएगी। कोविड ने हमें स्पष्ट रूप से दिखाया है कि महामारियां न केवल स्वास्थ्य के लिए, बल्कि आर्थिक और सामाजिक कल्याण के लिए भी व्यापक रूप से विनाशकारी हो सकती हैं। हाल के दशकों में जानवरों से फैलने वाले वायरस मनुष्यों में ज्यादा फैल रहे हैं। हर 3-4 साल में नए वायरस सामने आ रहे हैं।
पीरिस के मुताबिक, बढ़ता पशुपालन, आवागमन और विदेशी पालतू जानवरों के व्यापार ने नए वायरस के जानवरों से मनुष्यों में फैलने के जोखिम को बढ़ा दिया है। उनका मानना है कि पशुपालन और जानवरों की व्यापक आवाजाही ने पशुओं के बीच वायरस के तेजी से फैलने के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भोजन के लिए पाली जाने वाली मुर्गियां अगर संक्रमित हुईं तो ये वायरस दुनियाभर की मुर्गियों को संक्रमित कर सकता है।
पीरिस ने कहा कि पालतू जानवरों के व्यापार ने वायरस के मनुष्यों को संक्रमित करने के जोखिम को भी बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा, वैश्विक यात्रा की सुविधा और गति दोनों ने इस बात में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई कि दुनिया में कितने लोग किसी वायरस के संपर्क में तेजी से आ सकते हैं। आप कहीं भी किसी नई बीमारी से संक्रमित हो सकते हैं और 12 घंटों में दुनिया के दूसरे छोर पर पहुंच सकते हैं।
पीरिस के मुताबिक, महामारियों में इंफ्लूएंजा की संभावना ज्यादा है, जो सूअरों, जंगली पक्षियों और मुर्गियों से फैल सकता है। इसके अलावा कोरोना वायरस भी है, जो अलग-अलग स्रोतों से फैल सकता है। हालांकि, पीरिस ने कहा कि मच्छरों और निकट संपर्क से फैलने वाले वायरस, जैसे इबोला कहीं अधिक नियंत्रणीय हैं। उनका मानना है कि मच्छर जनित वायरस के पूरी दुनिया में बहुत तेजी से फैलने की संभावना नहीं है।
पीरिस ने कहा कि महामारियों से निपटने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका को मजबूत करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, ऐसा कोई अन्य संगठन नहीं है, जो वैश्विक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया का समन्वय कर सके। 2003 में सार्स के प्रकोप के दौरान इसकी सबसे अच्छी व्याख्या की गई थी और आगे की समन्वित प्रतिक्रिया में भविष्य में संभावित महामारी रोगजनकों, निदान, टीकों और उपचारों का व्यवस्थित अध्ययन शामिल होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *