हैदराबाद , हैदराबाद के नामपल्ली इलाके में एक खाली पड़े घर में 10 साल से पड़े एक कंकाल का रहस्य पुलिस ने सुलझा लिया है। सोमवार को संयोग से मिले इस कंकाल की पहचान अमीर खान नामक व्यक्ति के रूप में हुई है, जिसकी मौत लगभग एक दशक पहले हो गई थी। इस पूरे मामले का खुलासा एक पुराने नोकिया मोबाइल फोन, बंद हो चुके नोटों और मृतक के भाई द्वारा की गई पहचान से हुआ।
पुराने फोन और बंद नोटों ने खोला रहस्य
पुलिस ने मंगलवार को बताया कि सोमवार को एक गेंद ढूंढने के दौरान एक व्यक्ति को इस खाली घर के किचन से यह कंकाल मिला था। जांच के दौरान पुलिस को कंकाल के पास से एक पुराना नोकिया मोबाइल फोन और तकिये के नीचे से चलन से बाहर हो चुके पुराने नोट मिले।
सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) किशन कुमार ने बताया कि फोन की बैटरी खत्म हो चुकी थी। जब उसे ठीक करवाकर चालू किया गया, तो उसके कॉल लॉग में आखिरी कॉल साल 2015 की मिली और उसमें 84 मिस्ड कॉल थीं। पुराने नोटों से इस बात की पुष्टि हुई कि मौत नोटबंदी, यानी नवंबर 2016 से भी पहले हुई थी।
भाई ने की अंगूठी और कपड़ों की पहचान
पुलिस ने बताया कि यह घर मुनीर खान का था और कंकाल उनके तीसरे बेटे अमीर खान का प्रतीत होता है, जो अविवाहित थे और इस घर में अकेले रहते थे। अमीर के छोटे भाई शादाब, जो आसपास की दुकानों से किराया वसूलते हैं, ने कंकाल के अवशेषों पर मिली एक अंगूठी और शॉर्ट्स को पहचान लिया।
एसीपी के मुताबिक, अमीर खान की उम्र मौत के समय लगभग 50 वर्ष थी और वह मानसिक रूप से कुछ विक्षिप्त थे। पुलिस को घटनास्थल से संघर्ष या खून के कोई निशान नहीं मिले हैं, जिससे यह एक स्वाभाविक मौत प्रतीत होती है। हैरान करने वाली बात यह है कि पिछले 10 सालों में उनके किसी भी भाई-बहन या संबंधी ने उनकी कोई सुध नहीं ली। पुलिस ने पहचान की अंतिम पुष्टि के लिए कंकाल के अवशेषों को फॉरेंसिक लैब में भेजा है।