जय मां गंगे के स्वर से गूंजी तीर्थनगरी
ऋषिकेश। तीर्थनगरी ऋषिकेश में मंगलवार को पतित पावनी गंगा का जन्मोत्सव गंगा सप्तमी के रूप में धूमधाम से मनाया गया। त्रिवेणीघाट पर श्रद्धालुओं ने मां गंगा का दुग्धाभिषेक और पूजन किया। विशेष गंगा आरती में हर-हर गंगे, जय मां गंगे के स्वर और घंटे घड़ियालों से समूचा त्रिवेणीघाट गुंजायमान रहा। त्रिवेणीघाट में श्री गंगा सभा की ओर से गंगा सप्तमी पर सामूहिक हवन-पूजन और अन्य धार्मिक अनुष्ठान किए गए। श्रद्धालुओं ने हवन कुंड में आहुति देकर क्षेत्र और प्रदेश की खुशहाली की कामना की। हवन पूजन मुख्य पुजारी जगमोहन मिश्रा के सानिध्य में हुआ। श्रद्धालुओं ने पतित पावनी गंगा का दुग्धाभिषेक किया। दोपहर करीब 12 बजे भरत मंदिर संस्कृत विद्यालय के ऋषि कुमारों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विशेष गंगा आरती की, जिसमें श्रद्धालुओं ने मां गंगा की आरती उतारी। श्री गंगा सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामकृपाल गौतम ने कहा कि धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सबसे पहले मां गंगा भगवान ब्रह्मा के कमंडल में निवास करती थीं और वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर वे भगवान ब्रह्मा के कमंडल से निकलकर प्रवाहित हुईं थी। इसी समय से इस तिथि को गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा भी आज ही के दिन गंगा अवतरण होने की अन्य कई मान्याताएं भी हैं। मौके पर श्री गंगा सभा के अध्यक्ष जगमोहन सकलानी, महामंत्री राहुल शर्मा, हर्षवर्धन शर्मा, यश अरोड़ा, अक्षित कुंदनानी, विनोद कुमार पाल, सुभाष बैरागी, विनोद अग्रवाल, राकेश शर्मा आदि उपस्थित रहे।