सरकारी नौकरी के नाम पर जमकर ठगी करने वाले गिरोह के पुलिस ने खोले चौंकाने वाले राज
रुड़की। हरिद्वार पुलिस ने जिस फर्जी भर्ती सेंटर को पकड़ा है उसने पीड़ित परिवारों की खून पसीने की कमाई से करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की है। पश्चिम यूपी और रुड़की समेत अन्य जगहों पर जमीन खरीदी गई। इसके अलावा मेडिकल स्टोर भी खोले गए हैं। परत दर परत पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले राज खुलकर सामने आए हैं। सरकारी नौकरी के नाम पर जमकर ठगी करते थे।
सरगना ने यूपी के सहारनपुर में रिश्तेदारों के नाम पर भी जमीन खरीदी है। एमए से लेकर बीफार्मा की पढ़ाई कर गैंग ने बेरोजगार युवकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया था। 2019 से सक्रिय गैंग बनाकर सौ से अधिक बेरोजगारों को ठगा गया। लखनऊ के एक नामी होटल में युवकों को बुलाकर अपना रुतबा दिखाया जाता था। 100 से अधिक बैंक खातों में रकम भी भेजी गयी है।
इसके अलावा लाखों रुपये नगद भी लिए गए। पेपर लीक कांड के बाद अब युवाओं को नौकरी का झांसा देकर करोड़ों रुपये ठगने का मामला सामने आया है। आरोपियों के खिलाफ लक्सर, रुड़की में भी मुकदमा दर्ज है। गैंग सालों से बेरोजगार युवाओं को नौकरी का झांसा देकर करोड़ों रुपये अर्जित कर चुका है।
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि खुर्शीद आलम चिश्ती, निवासी बंदा रोड रुड़की गैंग का सरगना है। जिसने कनखल में कंप्यूटर सेंटर की आड़ में युवाओं को झांसा देना शुरू कर दिया था। पकड़ में आने के बाद अब पुलिस के सामने कई खुलासे हुए हैं। अब्दुल कादिर, दिनेश डोगरा ने भी सहारनपुर, मुजफ्फरनगर रुड़की, इलाके में करोड़ों रुपये की संपत्ति खरीदी।
लक्सर कोतवाली इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में खुर्शीद आलम चिश्ती ने गैंग के बारे में काफी खुलासे किए हैं। कहा कि मामले की जांच की जा रही है।
अय्याशी में सौरभ ने फूंके लाखों रुपयेरू खुर्शीद आलम चिश्ती के कनखल स्थित कंप्यूटर सेंटर में सौरभ और दिनेश डोगरा संपर्क में आए थे। जहां से गैंग बनाया गया। सेंटर में आने वाले युवाओं से इन्होंने पहली शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने नेटवर्क फैलाना शुरू कर दिया। डेढ़ लाख से सरकारी नौकरी की बोली शुरू हो जाती थी। जो लाखों रुपये तक पहुंची। गैंग में सौरभ ने लाखों रुपये अपनी अय्याशी में फूंक लिए। होटलों में ठहरना, घूमना फिरना और अन्य शौक में लाखों रुपये सौरभ ने उड़ाए।