कोटद्वार-पौड़ी

उत्सर्जन कटौती को लेकर हुई संधियों पर नहीं हो रहा अमल: प्रो. सेमवाल

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

जयन्त प्रतिनिधि।
श्रीनगर गढ़वाल। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा विकासशील भारत में जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस मौके पर मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान के डीन प्रो.आरएन गैरोला ने जलवायु परिवर्तन को सार्वभौमिक संकट बताया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के घातक प्रभाव एवं ऊर्जा के बारे में एवं संरक्षण व योगदान को स्पष्ट किया।
राजनीति विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एमएम सेमवाल ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग आज सबसे बड़ी समस्या है। जिसके कारण जलवायु में परिवर्तन हो रहा है। उन्होंने कहा कि उत्सर्जन कटौती को लेकर देशों के बीच कई संधियां हुई लेकिन समस्या जहां की तहां बनी हुई है। कहा हमें ऊर्जा दक्षता, वनीकरण और जैव विविधता का विस्तार करते हुए नवीकरण ऊर्जा, पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा को विकसित करना होगा। प्रो. हिमांशु बौड़ाई ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के बदलते परिदृश्य में राज्य सिद्धांतों की महत्वपूर्ण भूमिका है। डॉ. नरेश कुमार ने ऊर्जा सुरक्षा के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को बताते हुए जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा के संबंध और इनके प्रभावों को बताया। परिचर्चा में पंजाब विवि के प्रो. सुनील खोसला, राजस्थान विवि के डॉ. हरवीर सिंह, लाल बहादुर शास्त्री एकेडमी के डॉ. मुकेश भंडारी , प्रो. उमेश गैरोला, डॉ. देव कृष्ण थपलियाल, डॉ. बलबीर सिंह चौहान, पुष्कर झा, मनीष राणा, प्रज्ञा गैरोला, अरविंद, सौरव, सीता रमोला आदि मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!