बदरीनाथ धाम में शुरू हुई कपाट बंदी की प्रक्रिया
गोपेश्वर (चमोली)। समुद्रतल से 10276 फीट की ऊंचाई पर चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया पंच पूजाओं के साथ शुरू हो गई। पहले दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के बाद धाम में स्थित गणेश मंदिर के कपाट बंद किए गए।
बदरीनाथ धाम के कपाट 20 नवंबर को वृष लग्न में शाम 6रू45 बजे बंद किए जाएंगे। परंपरा के अनुसार कपाट बंद होने से पूर्व बदरीनाथ धाम में पंच पूजाओं का प्राविधान है। इसके तहत पहले दिन गणेश मंदिर के कपाट बंद किए जाते हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी की अगुआई में शयन आरती के बाद गणेश मंदिर में इस वर्ष की अंतिम पूजा की गई।
इस दौरान धाम में मौजूद श्रद्घालुओं ने भी भगवान गणेश से आशीर्वाद लिया। इसके बाद विधि-विधान पूर्वक शीतकाल के लिए गणेश मंदिर के कपाट बंद किए गए। पंच पूजाओं के क्रम में बुधवार को बदरीनाथ धाम में स्थित आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे।
बैकुंठ चतुर्दशी पर्व पर आयोजित हो रहा मेला नगरपालिका ने स्थगित कर दिया। अब केवल पहले दिन 17 नवम्बर को नगरपालिका अध्यक्ष पूनम तिवाड़ी अपने निजी संसाधनों से कमलेश्वर महादेव मंदिर के समीप के मैदान पर भजन संध्या का आयोजन करवाएंगी। मंगलवार को नगरपालिका अध्यक्ष कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मेला आयोजन को लेकर सरकार और अधिकारियों का सहयोग नहीं मिल रहा है। अधिकारियों के नकारात्मक रवैय्ये और असहयोगी रुख से नगरपालिका ने पांच दिवसीय मेला स्थगित करने का निर्णय लिया है।