चार माह में सीएम बदलने पर कांग्रेसियों ने उठाए सवाल

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रुद्रपुर। चार माह के भीतर राज्य का मुख्यमंत्री बदलने पर कांग्रेसियों ने भाजपा शीर्ष नेतृत्व की कार्यप्रणाली का सवाल उठाये हैं। कांग्रेस प्रदेश सचिव संजीव कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार एक ऐसा सीएम भी नहीं दे सकी, जो पूरे पांच साल प्रदेश का नेतृत्व कर सके। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री हरीश पनेरु ने आरोप लगाया कि भाजपा ने उत्तराखंड की जनता के साथ धोखा किया है। साढ़े चार साल के कार्यकाल में भाजपा राजनीतिक उठापटक एवं पद बांटने में लगी रही। 57 विधायकों का अपार जन समर्थन मिलने के बाद उत्तराखंड को राजनीतिक उथल-पुथल देने के सिवाय और कोई भी काम नहीं हो पाया है। अखिल भारतीय राहुल गांधी बिग्रेड के पूर्व प्रदेश सचिव भूपेंद्र कुमार उर्फ बंटी पपनेजा ने कहा कि चार माह से भी कम समय में मुख्यमंत्री बदलना भाजपा की अस्थिरता व असफलता को उजागर करता है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को उप चुनाव लड़ना था, लेकिन भाजपा ने उपचुनाव में अपनी हार को देखते हुए मैदान छोड़ भागने का काम किया है। आगामी विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड की जनता ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान करके कांग्रेस की सरकार बनाने का मन बना लिया है।
भाजपा ने राज्य को संकट में खड़ा किया: पूर्व दर्जामंत्री डॉ. गणेश उपाध्याय का कहना है कि भाजपा ने चार माह में तीसरा सीएम देकर उत्तराखंड की जनता से खिलवाड़ किया है। कहा कि सबसे बड़े दल होने का दावा करने वाली भाजपा के विशेषज्ञ संवैधानिक व्यवस्था और नियमों की जानकरी नहीं रख सके। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर अब उपचुनाव संभव नहीं था तो प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग ने सल्ट सीट पर एक साल से कम समय होने के बावजूद उपचुनाव कैसे कराया? आरोप लगाया कि भाजपा ने सीएम बदलने, मंत्री बदलने में ही पांच साल निकाल दिये, जबकि जनता रोजगार, स्वास्थ्य, पलायन, आपदा, महंगाई जैसे मुद्दों से जूझती रही।

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