छात्रावास अधीक्षक सहित 11 अन्य हास्टल वार्डनों के इस्तीफे से गढ़वाल विवि में माहौल गरमाया

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श्रीनगर गढ़वाल : गढ़वाल विश्वविद्यालय के मुख्य छात्रावास अधीक्षक समेत अन्य 11 हास्टल वार्डनों के इस्तीफे दिए जाने के बाद विवि में माहौल गरमा गया है। विवि के कुछ छात्र संगठनों ने बयान जारी करते हुए कुलपति से इस्तीफों को स्वीकार न करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि शिक्षक जो छात्रावास अधीक्षक का पदभार संभाल रहे थे वह नियमों का पालन करने वाले शिक्षक हैं। छात्र संगठन से जुड़े पदाधिकारियों ने कहा कि शिक्षकों द्वारा इस्तीफे के पीछे का कारण कुछ छात्र नेताओं का अभद्र व्यवहार, अभद्र भाषा प्रयोग और बार-बार नियम विरुद्ध कार्य करवाने का दबाव बताया गया है। हालांकि अभी कुलपति की ओर से हास्टल वार्डनों का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। पूर्व छात्रसंघ महासचिव आंचल राणा ने कहा कि तथाकथित छात्र नेताओं व छात्र संगठनों द्वारा इस प्रकार की गुंडागर्दी, मनमानी, नियम विरुद्ध कार्य करवाना तथा शिक्षकों के साथ बदतमीजी करने जैसी घटनाएं पहले भी कई बार हो चुकी हैं। कहा कि कुछ छात्र नेताओं का यह रवैया और प्रशासन द्वारा इस गुंडागर्दी को लगातार शह देते रहना बेहद निंदनीय है। पूर्व छात्रा प्रतिनिधि मोनिका चौहान ने कहा कि गढ़वाल विश्वविद्यालय में पहली बार इस तरह चीफ़ वार्डन सहित सभी वार्डनों ने इस्तीफे दिए हैं जो विश्वविद्यालय की गरिमा, शैक्षणिक माहौल के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक बहुत ही सम्मानित एवं नियम कानून का पालन करने वाले शिक्षक हैं और इस प्रकार से उनका इस्तीफा दिया जाना पूरे विश्वविद्यालय का ही नुकसान है। एआईडीएसओ संगठन से जुड़ी पूर्व छात्रसंघ सहसचिव रंजना ने कहा कि छात्र नेताओं का काम विश्वविद्यालय के शैक्षणिक मुद्दों को लेकर आवाज उठाना होना चाहिए ना कि विवि के गुंडागर्दी करना। उन्होंने कहा कि विवि में बहुत सारे शैक्षणिक सवाल हैं, जिन पर विवि से सवाल किए जाने चाहिए। वर्तमान छात्रा प्रतिनिधि प्रियंका खत्री ने कहा कि विवि में सेमेस्टर परीक्षा परिणाम समय पर जारी नहीं हो रहा, सीयूईटी सिर दर्द बना हुआ है। सफाई व्यवस्था की स्थिति बदहाल बनी हुई है, यहां तक की टीचिंग व नान टीचिंग में फैक्लटी की भारी कमी बनी हुई है। सभी पूर्व छात्रसंघ पदाधिकारियों ने हास्टल के छात्र-छात्राओं की समस्या के त्वरित समाधान के साथ वार्डन के इस्तीफा कुलपति द्वारा मंजूर ना किया जाने की मांग की। कहा कि चीफ वार्डन सहित अन्य सभी वार्डनों को ससम्मान बरकरार रखा जाना चाहिए। (एजेंसी)

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