नदी-नालों के किनारे बने रिसॉर्ट की अब खैर नहीं

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देहरादून : दून की खूबसूरत घाटियां सहस्रधारा, गुच्चूपानी, मालदेवता, शिखर फाल और किमाड़ी जैसे पर्यटन स्थलों पर नदी-नालों किनारे अतिक्रमण कर बनाए गए रिसॉर्ट व होटलों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने नदी-नालों के किनारे व वन क्षेत्र में अतिक्रमण कर किए गए व्यावसायिक निर्माण की जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही ऐसे रिसॉर्ट व होटलों की बुकिंग वेबसाइट ब्लाक करने और रिपोर्ट शासन को भेजने की बात कही है।
दून में जहां कभी प्रकृति का अद्भुत सौंदर्य सैलानियों को आकर्षित करता था, वह अतिवृष्टि और बादल फटने के बढ़ते खतरे के लिए बदनाम होते जा रहे हैं। पिछले दिनों कार्लीगाड़ व मालदेवता क्षेत्र में आई आपदा इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है कि किस कदर अवैध व्यावसायिक निर्माण की आपाधापी में इन क्षेत्रों का अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है। सहस्रधारा से लेकर मालदेवता और सरखेत तक नदी क्षेत्रों में अंधाधुंध निर्माण कर दिए गए हैं। नदी श्रेणी की भूमि कब्जाकर आलीशान होटल और रिसॉर्ट खड़े कर दिए गए हैं। हर जगह नदी के प्राकृतिक प्रवाह व चौड़ाई की अनदेखी की गई है। नदियों का गला घोंटने जैसे हालात बन गए हैं। पर्यटन के नाम पर हो रहे इस अनियंत्रित व बिना मानकों वाले निर्माण से न सिर्फ प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है, बल्कि आपदा का खतरा भी कई गुना बढ़ गया है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने आपदाग्रस्त क्षेत्रों के निरीक्षण के दौरान बांडावाली खैरी मान सिंह क्षेत्र में आलीशान रिसॉर्ट का निर्माण नदी की भूमि पर पिछले माह देखा था। इस ‘स्पर्श फर्म एंड रिसॉर्ट ‘ को सुरक्षित करने के लिए रिसॉर्ट स्वामी की ओर से बनाई गई एप्रोच से नदी की धारा ही मोड़ दी गई। जिससे आपदा के दौरान पानी का रुख सड़क की तरफ हो गया। जिस कारण 150 मीटर सड़क पूरी तरह तबाह हो गई। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए रिसॉर्ट की उच्च स्तरीय जांच बैठाई हुई है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि जिले में नदी-नालों के किनारे व वन क्षेत्र की भूमि अतिक्रमित कर जितने भी व्यावसायिक निर्माण हुए हैं, उन सभी की जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। साथ ही ऐसे रिसॉर्ट, होटल, होमस्टे आदि की बुकिंग वेबसाइट भी बंद कराई जाएगी। (एजेंसी)

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