संसद में महंगाई पर बहस की राह अब सांसदों के निलंबन के ब्रेकर में फंसी
नई दिल्ली, एजेंसी। विपक्ष और सरकार के बीच महंगाई के मुद्दे पर शुरू हुआ सियासी घमासान अब दोनों सदनों के दो दर्जन सांसदों के निलंबन के दोहरे गतिरोध में उलझ गया है। सरकार महंगाई पर चर्चा के लिए तो राजी हो गई है मगर विपक्षी सांसदों के निलंबन पर लचीला रुख अपनाने को तैयार नहीं है।
सरकार ने निलंबन खत्म करने के लिए माफी मांगने का प्रस्ताव रखा है, मगर विपक्ष ने इसे ठुकराते हुए कहा है कि सभी 24 सांसदों को निलंबन बिना शर्त वापस लिया जाना चाहिए। महंगाई और जीएसटी के साथ निलंबन के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष की तकरार लगातार आठवें दिन भी संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामे और व्यवधान के रूप में जारी रहा।
आसन का अनादर और हंगामा करने के आरोप में आम आदमी पार्टी के एक सांसद संजय सिंह को भी बुधवार को हफ्ते के बाकी बचे दिनों की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया। राज्यसभा की कार्यवाही प्रश्नकाल और शून्यकाल में विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के चलते तीन बार स्थगित हुई। महंगाई और जीएसटी के मुद्दे पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी सदस्यों के कार्यस्थगन नोटिसों को नामंजूर करने की सभापति वेंकैया नायडू की घोषणा के दौरान ही आप सांसद संजय सिंह वेल में आकर जोर-शोर से गुजरात में जहरीली शराब से हुई मौतों का मामला उठाने लगे।
सभापति ने इस पर उन्हें चेतावनी दी और फिर सदन स्थगित हो गया। दुबारा कार्यवाही शुरू हुई तो भी विपक्षी सदस्यों के साथ ही संजय सिंह के तेवर भी नरम नहीं हुए तब उपसभापति हरिबंश ने संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी के निलंबन प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित करा उन्हें निलंबित कर दिया। हरिबंश के कहने के बावजूद संजय सिंह सदन से बाहर नहीं निकले और तब दो बजे तक कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
हालांकि सांसदों के निलंबन को लेकर नाराज विपक्ष के 10 नेताओं ने सभापति वेंकैया नायडू से सदन शुरू होने से पहले मुलाकात कर निलंबन खत्म करने का आग्रह किया। विपक्षी नेताओं ने कहा कि महंगाई पर चर्चा के लिए कम से कम तारीख तय कर दी जाए और निलंबन वापस लिया जाए क्योंकित ह सदन में सांसदों की मौजूद्गी के लिहाज से भी यह ठीक नहीं है। सभापति ने कहा कि वित्तंमत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड से उबर आज से कामकाज फिर शुरू कर दिया है और महंगाई पर बहस की तारीख जल्द तय हो जाएगी। लोकसभा में भी महंगाई पर बहस होनी है और संकेत हैं कि सांसदों के निलंबन का गतिरोध नहीं टूटा तो फिर अगले हफ्ते महंगाई पर बहस होगी।
सभापति के साथ विपक्षी नेताओं की इस बैठक में सरकार की ओर से राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल, संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी और राज्यमंत्री मुरलीधरन शामिल हुए और सांसदों के निलंबन खत्म करने के मसले पर कहा कि अगर निलंबित सांसद माफी मांगने को तैयार हैं तो सरकार निलंबन वापस लेने के लिए तैयार है। विपक्ष की ओर से मौजूद नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे, डेरेक ओब्रायन, त्रिची शिवा, रामगोपाल यादव, सुरेश रेड्डी, विनय विश्वम, इल्लामरम करीम आदि ने कहा कि निलंबन बिना शर्त वापस होना चाहिए, मगर सरकार ने इसके लिए राजी होने के संकेत नहीं दिए।
विपक्षी नेताओं की सभापति के साथ बैठक के बाद टीएमसी नेता डेरेक ओब्रायन ने कहा भी कि माफी की सरकार की शर्त मानने का तो सवाल ही नहीं पैदा होता। निलंबन के खिलाफ राज्यसभा के निलंबित सभी 20 सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के समक्ष इसके खिलाफ 50 घ्ंटे का रिले धरना शुरू कर दिया है। जबकि लोकसभा से निलंबित कांग्रेस के सभी चारों सांसदों ने संसद भवन के मुख्य द्वार पर विरोध प्रदर्शन के साथ धरना दिया।
लोकसभा में भी प्रश्नकाल और शून्यकाल के दौरान विपक्षी सदस्यों ने महंगाई पर चर्चा कराने और निलंबन के खिलाफ हंगामा किया। स्पीकर ओम बिरला ने इसको लेकर काफी नाराजगी भी दिखाई। इस बीच दोपहर बाद जब सदन चला तो विपक्षी खेमे के सदस्यों एनसीपी की सुप्रिया सुले, द्रमुक के ए राजा और तृणमूल कांगेस के सुदीप बंधोपाध्याय ने कांग्रेस के चारों सांसदों का निलंबन खत्म करने का आसन से आग्रह किया।
इस दौरान विरोध प्रदर्शन के क्रम में हिरासत में लिए जाने के कारण कांग्रेस का कोई सदस्य मौजूद नहीं था। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने इन विपक्षी नेताओं के आग्रह पर कहा कि अगर वे चारों सदस्यों और कांग्रेस की तरफ से यह गारंटी लेते हैं कि वे वेल में नहीं आएंगे तो हम निलंबन खत्म करने का प्रस्ताव लाने को तैयार हैं। साथ ही विपक्ष चाहे तो महंगाई पर चर्चा के लिए सरकार अभी भी तैयार है। इन विपक्षी नेताओं ने कहा कि सरकार संख्या बल के आधार पर सदन को न चलाए और विपक्षी सांसदों का निलंबन खत्म कर महंगाई पर बहस कराए।