कोटद्वार-पौड़ी

राम को वन जाते देख दर्शक हुए भावुक

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जयन्त प्रतिनिधि।
श्रीनगर : शारदीय नवरात्रि शुरू उपरांत रामलीला मंचन चतुर्थ दिवस लीला (राम वनवास) का मंचन रामलीला मैदान प्रांगण श्रीनगर में किया गया। राम वन गमन का मंचन देख दर्शक भावुक हो उठे। मंथरा ने कैकेयी को बहला-फुसला कर राजा दशरथ से भरत के लिए राजतिलक व राम को 14 वर्ष का वनवास दिला दिया। राम जब वन के लिए लक्ष्मण व सीता के साथ निकले तो दर्शकों की आंखें नम हो गई। पिता की आज्ञा मानकर भगवान श्रीराम व भाई लक्ष्मण व माता सीता के साथ वन को चले गए।
इससे पूर्व ज्ञान एवं संगीत की देवी माता सरस्वती की आरती समिति के अध्यक्ष एवं कार्यकारिणी द्वारा की गई। लीला में महाराज दशरथ के गुरु वशिष्ठ एवं अपने मंत्री जनो से राम के राज्याभिषेक के लिए विचार विमर्श कर निर्णय लेना तथा दासी मंथरा का अपनी रानी कैकई को भड़काना और राजा से अपने दो वरदानो का स्मरण करवाते हुए एक वर से राम को वनवास तथा एक वर से अपने पुत्र भरत के लिए राजपद मांगने का संजीव दृश्य देखकर दर्शक भाव विभोर हो गए और वनवास के लिए जाते राम, लक्ष्मण, सीता को देख दर्शक भावुक हो उठे। रामलीला में आकर्षण का केंद्र अपने कैकई के पात्र के लिए राघव जोशी तथा सीता के पात्र के लिए शुभम मेहरा रहे। जिन्होंने दर्शको की खूब तालियां बटोरी। इस मौके पर मुख्य पात्रों में दशरथ सुदेश जुगरान, सुमंत बुद्धिबल्लभ उनियाल, मंथरा पूरण सिंह रहे। इस मौके पर भानेश, अमित असवाल, आकाश अग्रवाल, विजय रावल, सुधीर डंगवाल, उत्कर्ष हिमांशु बहुगुणा, राजेन्द्र कैंतुरा, दीपक उनियाल, प्रमोद, प्रियव्रत, विपिन नौटियाल, अभिषेक, देवेंद्रमणि मिश्रा, सुजीत अग्रवाल, ओपी गोदियाल, अरुण बडोनी, हरि प्रसाद उनियाल, जयदेव सदाना आदि मौजूद रहे।

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