नईदिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के बढ़ रहे हमलों और रैबीज से हो रही मौतों पर चिंता जताई है। कोर्ट ने सोमवार को परेशान करने वाली मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लेकर रजिस्ट्री को मामले को स्वप्रेरित रिट याचिका के रूप में लेने को कहा है। मामले पर न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने निर्देश दिया कि समाचार लेख के साथ आदेश की एक प्रति आवश्यक निर्देशों के लिए मुख्य न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत की जाए।
पीठ ने आदेश जारी करते हुए कहा, आज अखबार की खबर में कुछ चिंताजनक और परेशान करने वाले आंकड़े और तथ्य शामिल हैं। हर दिन, शहरों और बाहरी इलाकों में सैकड़ों कुत्तों के काटने की खबरें आती हैं, जिससे रेबीज होता है और अंतत: छोटे शिशु, बच्चे और बुजुर्ग भयानक बीमारी का शिकार हो रहे हैं। हम इस खबर का स्वत: संज्ञान लेते हैं और यह आदेश देते हैं कि रजिस्ट्री याचिका को स्वत: संज्ञान के रूप में पंजीकृत करेगी।
एक अखबार सोमवार को दिल्ली संस्करण में एक खबर प्रकाशित की है, जिसका शीर्षत, शहर आवारा कुत्तों से परेशान और बच्चे चुका रहे हैं कीमत है। खबर में रोहिणी में 6 साल की बच्ची को पिछले दिनों आवारा कुत्ते के काटने से रैबीज और उसकी मौत का जिक्र है। इसके अलावा अखबार ने बीते कुछ दिनों की बड़ी घटनाओं का जिक्र किया है कि कैसे राष्ट्रीय राजधानी में आवारा कुत्तों का आतंक व्याप्त है।
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