कोविड में तैनात शिक्षक सहायक नोडल अधिकारी को 15 दिनों के बाद ही कार्यमुक्त किया जाय
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। जनपद पौड़ी गढ़वाल में वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण से निपटने के लिए समस्त 1147 ग्राम पंचायतों में शिक्षकों को सहायक नोडल अधिकारी के रुप में तैनात किया गया है। उत्तराखण्ड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ पौड़ी गढ़वाल द्वारा जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपाकर वैश्विक महामारी कोविड-19 से निपटने के लिए ग्राम पंचायतों में सहायक नोडल अधिकारी के रुप में कार्य कर रहे प्राथमिक शिक्षकों को 15 दिनों के पश्चात ही कार्यमुक्त करने की मांग की है। साथ ही जनपद में कोविड-19 की डयूटी पर तैनात शिक्षकों का बीमा करवाने की मांग की है। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर भयावह होने के कारण शिक्षकों में भय का वातावरण बना हुआ हैं।
संघ के जिला मंत्री दीपक नेगी ने कहा कि पूर्व में भी जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल को पत्रों के माध्यम से अवगत करवाया गया था कि जनपद में शिक्षकों की कोविड-19 डयूटी की तैनाती कम से कम 15 दिनों के पश्चात ही परिवर्तित की जाय, लेकिन ब्लॉकों में खंड विकास अधिकारियों द्वारा जानबूझ कर कोविड-19 डयूटी में तैनात शिक्षकों की डयूटी 14 दिनों पर ही समाप्त कर दी गयी हैं। जिससे की ग्रीष्मकालीन अवकाशों में किये गये कार्यों का उपार्जित अवकाश न मिल सकें। ग्रीष्मावकाशों में 15 दिनों से अधिक कार्य करने पर वित्त हस्त पुस्तिका खंड दो भाग दो उपार्जित अवकाश के मूल नियम 81ख (1) सहायक नियम 157-क (1) के अनुसार दीर्घ अवकाश में किये गये कार्य के एवज में उपार्जित अवकाश प्रदान किये जाते हैं, लेकिन जानबूझ कर शिक्षकों को उपार्जित अवकाशों से वंचित किया जा रहा है। जिस कारण डयूटी पर तैनात शिक्षकों में भारी रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 डयूटी में तैनात शिक्षकों की डयूटी 15 दिन पूरी करवायी जाय नहीं तो संगठन कोविड-19 डयूटी का बहिष्कार करने हेतु बाध्य होगा। जनपद में कोविड-19 की डयूटी में तैनात शिक्षकों की रोस्टर के अनुसार डयूटी परिवर्तित की जाय, परिवर्तित सूची 1 सप्ताह पूर्व ही तैनात शिक्षक को उपलब्ध करवा दी जाय, क्योंकि वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर की चपेट में कई शिक्षकों व उनके परिजन आये है। ऐसे शिक्षक डयूटी में तैनाती से पूर्व उप शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अस्वस्थ होने की सूचना समय पर दे सके। कोविड-19 की डयूटी पर तैनात शिक्षकों को सुरक्षा उपकरण दिये जाय। साथ ही 18 से 44 आयु वर्ग के शिक्षकों को अस्पतालों में फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में तत्काल वैक्सीनेशन की व्यवस्था की जाए। जिससे वैश्विक महामारी के संक्रमण से शिक्षक स्वयं व अपने परिवार को बचा सके।