टिंकर गांव के ग्रामीणों ने किया भारत के रास्ते माइग्रेशन
शीघ्र ही नेपाल के छांगरु गांव के ग्रामीण भी करेंगे माइग्रेशन
नैनीताल । नेपाल के उच्च हिमालयी दो गांवों के ग्रामीण इस बार भी भारत के रास्ते ही माइग्रेशन कर रहे हैं। नेपाल के तिब्बत चीन सीमा से लगे टिंकर के ग्रामीण भारत के रास्ते माइग्रेशन कर चुके हैं। अभी छांगरु के ग्रामीणों का माइग्रेशन होना है। नेपाल के टिंकर गांव के ग्रामीण पहले माइग्रेशन करते हैं। टिंकर के लगभग पांच दर्जन परिवार धारचूला पुल से भारत आकर भारत के रास्ते माइग्रेशन में जा चुके हैं। भारत में पड़ाव दर पड़ाव पार कर गब्र्याग के पास काली नदी में बने सीता पुल को पार कर नेपाल में प्रवेश करने की सूचना है। सूचना के अनुसार टिंकर के ग्रामीण माइग्रेशन के दौरान नेपाल के छांगरु गांव पहुंच चुके हैं। जहां से अब अपने गांव टिंकर को रवाना होंगे। बीते वर्ष भी नेपाल के छांगरु और टिंकर के गांवों के ग्रामीणों ने भारत के रास्ते ही माइग्रेशन किया था। नेपाल के चीन सीमा से लगे दो गांवों के ग्रामीण अतीत से ही भारत के रास्ते ही माइग्रेशन करते आए हैं। नेपाल में अभी तक जानवरों के चलने योग्य मार्ग नहीं होने से ग्रामीणों को भारत के रास्ते माइग्रेशन करना पड़ रहा है। इस बार के माइग्रेशन के लिए भी नेपाल प्रशासन ने भारत से अनुमति मांगी थी। भारत के प्रशासन ने इसकी अनुमति प्रदान की। शीघ्र ही नेपाल के छांगरु गांव के ग्रामीण भी माइग्रेशन करेंगे।