कोटद्वार-पौड़ी

गंदगी के ढेर में तब्दील हुई भलाई की दीवार, सिस्टम ने फेरा मुंह

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ठंड में गरीब को कपड़े उपलब्ध करवाने के लिए बनाई गई थी योजना
भलाई की दीवार के आसपास बेतरतीब तरीके से इधर-उधर पड़े हैं कपड़े
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : ठंड में गरीब को गर्म कपड़े उपलब्ध करवाने के लिए बनाई गई भलाई की दीवार गंदगी के ढेर में तब्दील हो गई। हालत यह है कि भलाई की दीवार के आसपास कपड़ों को बेतरतीब तरीके से फेंका गया है। अधिकांश स्थानों पर कपड़ों को बेहतर तरीके से रखने की व्यवस्था तक नहीं है। यही नहीं देवी मंदिर के समीप बनी भलाई की दीवार पर तो रेहड़ी-ठेली वालों ने कब्जा कर लिया है।
‘जो आपके पास अधिक है, यहां छोड़ जाएं, जो जरूरत का है ले जाएं’। कुछ इसी भावना से वर्ष 2020 में प्रशासन ने शहर के अलग-अलग स्थानों पर चार भलाई की दीवार बनाई थी। दीवार पर पुराने कपड़ों को व्यवस्थित तरीके से रखने के लिए हैंगर भी लगाए गए थे। लेकिन, वर्तमान में कुछ लोगों की लापरवाही के कारण यह दीवार गंदगी के ढेर में तब्दील होती जा रही है। दीवार के आसपास सड़क किनारे बेतरतीब तरीके से कपड़ों के ढेर लगे हुए हैं। ऐसे में गरीब को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पूर्व में कई सामाजिक संस्थाएं नगर निगम से भालाई की दीवार में व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने की भी शिकायत कर चुकी हैं। लेकिन, जिम्मेदार अधिकारियों ने इसपर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया।

आमजन भी दिखा रहा लापरवाह
योजना के अनुसार, जिनके पास पुराने कपड़े हैं वह भालाई की दीवार पर उन्हें व्यवस्थित तरीके से रख सकता था। जिसके बाद जिन गरीब परिवारों को पकड़ों की अवश्यकता होगी वह उसका उपयोग कर सकते थे। लेकिन, कई व्यक्ति अपने घरों में पड़े पुराने कपड़ों की गठरी बनाकर उसे दीवार के समीप सड़क पर फेंककर चले जाते हैं। जिससे यह कपड़े सड़क किनारे बेतरतीब तरीके से पड़े रहते हैं।

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