उत्तराखंड

दूनघाटी में झमाझम बारिस से हुआ मौसम सुहाना, गर्मी से मिली राहत

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देहरादून। शाम को हुयी झमाझम बारिस ने दून वासियों को गर्मी से राहत दिला दी। बारिस के बाद दून घाटी का मौसम सुहाना हो गया। हालांकि कुछ ही मिनट की बारिस आयी लेकिन दूनघाटी को तरबतर कर गयी। बारिस के बाद जैसे ही मौसम थोड़ा साफ हुआ लोगों ने घरों से बाहर निकल कर मौसम का खूब आनन्घ्द लिया।
मौसम विभाग के अनुसा मंगलवार 10 मई को केदारनाथ समेत बद्रीनाथ, गंगोत्री यमनोत्री समेत ऊंचाई वाले स्थानों में थंडर स्ट्रम, आकाशीय बिजली, हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान लगाया है। इन इलाकों में 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है।
मंगलवार के लिए उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ जलों में बारिश, ओलावृष्टि, आकाशीय बिजली चमकने, झौंकेदार हवाएं चलने व तीव्र बौछारें पड़ने को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने चार धाम की यात्रा कर रहे यात्रियों से मौसम को ध्यान में रखकर आगे की यात्रा का सुझाव दिया है।
ाषिकेश से रुद्रप्रयाग रुट के अलावा, रुद्रप्रयाग से जोशीमठ, जोशीमठ से बद्रीनाथ-हेमकुंड साहिब, रुद्रप्रयाग से केदारनाथ,ाषिकेश से टिहरी, टिहरी से उत्तरकाशी, उत्तरकाशी से गंगोत्री, उत्तरकाशी से बड़कोट रुट पर मंगलवार को मौसम खराब रहने का अनुमान लगाया है।
इसके अलावा कुमाऊं क्षेत्र की पहाड़ियों में कुछ स्थानों पर व गढ़वाल क्षेत्र की पहाड़ियों में अलग अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश, गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। मैदानी इलाकों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। 11 मई को भी कुमाऊं मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं कहीं बहुत हल्की से हल्की बारिश, गर्जन के साथ बारिश की संभावना जताई गई है। 12 व 13 को प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा लेकिन दिन में तेज हवाएं परेशान कर सकती हैं। वहीं सोमवार को राज्य में कई स्थानों पर जमकर बारिश हुई व तेज तूफानी हवाएं चली। मौसक निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया के प्रदेश में ताजा पश्चिमी विछोभ सक्रिय है।
बदरीनाथ की चोटियों पर हिमपात
बदरीनाथ धाम की चोटियों पर सोमवार दोपहर बाद हल्का हिमपात होने से धाम में सर्दी बढ़ गई। जबकि, धाम में रुक रुक कर बारिश होती रही। मैदानी क्षेत्र से पहुंचे यात्री धाम का मौसम देखकर बेहद खुश नजर आए। सोमवार दोपहर बाद धाम में बूंदाबादी शुरू हो गई। इसके बाद बदरीनाथ के पास स्थित नील कंठ और नर नारायण पर्वत पर हिमपात शुरू हो गया।

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