जाम रहे बसों के पहिये, भटकते रहे पहाड़ के यात्री
जीएमओयू कंपनी के प्रबंधक के खिलाफ जारी रहा आक्रोश
मांगें पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : जीएमओयू कंपनी के अध्यक्ष व प्रबंधक के खिलाफ जारी वाहन स्वामी, चालक व परिचालकों का धरना गुरुवार को भी जारी रहा। इस दौरान जीएमओयू की बसों के पहिये भी जाम रहे। बसों का संचालन नहीं होने से पूरे दिन यात्री इधर-उधर भटकते रहें। सबसे अधिक परेशानी पहाड़ के दूरस्त क्षेत्र के यात्रियों को उठानी पड़ी। पहाड़ के ब्रांच रूटों पर तो यात्रियों को पैदल ही अपना सफर तय करना पड़ा।
जीएमओयू के अध्यक्ष व प्रबंधन के खिलाफ वाहन स्वामी व चालक-परिचालक पिछले तीन दिन से हड़ताल पर डटे हुए हैं। इस दौरान बुधवार से वाहन स्वामियों ने चक्काजाम का भी एलान कर दिया था। ऐसे में गुरुवार को भी पहाड़ के साथ ही हरिद्वार रूट पर बसों का संचालन नहीं हुआ। बसों की तलाश में यात्री सुबह से ही इधर-उधर भटकते हुए नजर आए। समिति के अध्यक्ष सत्यानंद भट्ट ने कहा कि पूर्व में जीएमओयू एशिया की सबसे बड़ी परिवहन कंपनी थी। लेकिन, आज कुछ लोगों के कारण कंपनी का अस्तित्व डूबने की कगार पर पहुंच गया है। प्रदर्शनकारियों ने पूर्व की तरह ही कंपनी में वार्षिक चुनाव करवाने, न्यायालय का निर्णय आने तक कंपनी संचालकों के चुनाव पर रोक लगाने, चुनाव समिति को तुरंत भंग करने, कंपनी में पुराने वाहनों का संचालन पुन: प्रारंभ करवाने की मांग उठाई। मालूम हो कि एक दिन पूर्व ही उपजिलाधिकारी ने मोटर वाहन स्वामियों व चालक, परिचालकों को कंपनी से वार्ता कर उनकी समस्याओं के निराकरण का आश्वासन भी दिया था। लेकिन, प्रशासन व समिति के बीच हुई वार्ता विफल ही रही। इस मौके पर सुरेंद्र सिंह रावत, एसएन भट्ट, कोमल सिंह, बलराम सिंह, सुखदेव सिंह, गणेश भट्ट, दीपक, मातवर सिंह रौथाण आदि मौजूद रहे।
वाहन बुक कर किया आवागमन
जीएमओयू वाहनों के चक्काजाम का सबसे अधिक असर ब्रांच रूटों पर देखने को मिला। ब्रांच रूटों पर वाहन नहीं मिलने से यात्रियों को निजी वाहन बुक कर आवागमन करना पड़ा। जिससे उन्हें अपनी जेब भी ढीली करनी पड़ी। हालांकि मुख्य रूटों पर जीप-टैक्सी व रोडवेज बसों के संचालन से यात्रियों को कुछ राहत मिल गई थी।