अल्मोड़ा। लंबे समय से चली आ रही मांगों के समाधान न होने से नाराज़ राजस्व कर्मचारियों का मंगलवार से शुरू दो दिवसीय कार्य बहिष्कार बुधवार को भी जारी रहा। खतौनी में अंश निर्धारण में आ रही समस्याओं और राजस्व पुलिस क्षेत्रों को नियमित पुलिस के अधीन लाने की मांग को लेकर कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। पर्वतीय राजस्व निरीक्षक, राजस्व उपनिरीक्षक और राजस्व सेवकों ने प्रांतीय कार्यकारिणी के आह्वान पर कार्य से विरत रहकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि खतौनी में अंश निर्धारण प्रक्रिया जटिल हो चुकी है और संसाधनों की कमी के कारण कार्य प्रभावित हो रहा है। कई बार शासन को ज्ञापन भेजने और मांगों से अवगत कराने के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। कहा कि उन्हें लैपटॉप, डाटा एंट्री ऑपरेटर आदि कोई भी संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए हैं जिससे कार्य में दिक्कत आ रही है। कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि न्यायालय के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद अब तक राजस्व पुलिस क्षेत्रों को नियमित पुलिस के अधीन नहीं किया गया है, जिससे फील्ड स्तर पर कार्य करने में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। राजस्व कर्मचारियों के दो दिन का कार्य बहिष्कार किये जाने पर जाति, स्थाई समेत अन्य प्रमाण पत्र बनाने, भूमि सर्वे, सीमांकन का काम प्रभावित रहा। धरने में संघ के संरक्षक हेम पांडेय, अध्यक्ष आशुतोष लोहनी, महासचिव नवीन चंद्र, उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह कैड़ा, सह सचिव गोपाल बिष्ट, कोषाध्यक्ष कमल आर्या समेत पंकज शर्मा, जगदीश प्रसाद, चंद्रशेखर काण्डपाल, भुवन तिवारी, हेमा टम्टा और पूनम राज आदि शामिल रहे।