फिर धमाके से दहला काबुल, एयरपोर्ट के नजदीक अमेरिका की एयर स्ट्राइक, दो की मौत, मची अफरा-तफरी
काबुल, एजेंसी। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल रविवार को एकबार फिर धमाके से दहल उठी। चश्मदीदों का कहना है कि काबुल में एयरपोर्ट के नजदीक रिहायशी इलाके में यह धमाका हुआ। समाचार एजेंसी ने एक पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया है कि यह राकेट से किया गया हमला था जिसमें दो लोगों की मौत हो गई है। वहीं समाचार एजेंसी ने कहा है कि इस हमले में तीन लोग घायल भी हुए हैं। दूसरी ओर रायटर ने दो अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा है कि अमेरिका ने काबुल में आइएसआइएस खुरासान के आतंकियों को निशाना बनाते हुए यह हमला किया है। फिलहाल इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
स्थानीय टेलीविजन चौनलों पर आसमान में काला धुंआ उठती फुटेज सामने आई हैं। अभी किसी के हताहत होने की कोई जानकारी सामने नहीं आई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि धमाका एयरपोर्ट इलाके के उत्तरी ओर हुआ है। वहीं टोलो न्यूज की ओर से कहा गया है कि काबुल हवाई अड्डे के पास खाजा बघरा इलाके में एक रिहायशी इमारत को निशाना बनाकर यह हमला किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से राकेट से हमला होने की तस्दीक की है। इस हमले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा है जिसमें रिहायशी इलाके में एक घर से काला धुंआ और लपटें उठती नजर आ रही हैं।
यह घटना अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की उस चेतावनी के बाद सामने आई है जिसमें उन्होंने काबुल एयर पोर्ट के इलाके में आतंकी हमले की आशंका जताई थी। अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से कहा गया था कि काबुल हवाईअड्डे पर अगले 24 से 36 घंटों में एक और आतंकी हमला होने की प्रबल आशंका है। इस अलर्ट के बाद एयरपोर्ट के आस पास सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त किए गए थे।
अमेरिका ने अपने सभी नागरिकों से तत्काल काबुल हवाईअड्डे का इलाका छोड़ने को भी कहा था। इस इलाके में हमला होने की खुफिया जानकारी मिलने के बाद एयरपोर्ट पर तैनात अधिकारियों को अलर्ट जारी किया गया था। यह घटना ऐसे वक्घ्त में सामने आई है जब अमेरिका ने काबुल में बढ़ते खतरे और अपनी वापसी की डेडलाइन (31 अगस्त) को देखते हुए बचे हुए अमेरिकी और अफगान नागरिकों के साथ अपने सैनिकों को भी बाहर निकालने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
बता दें कि काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार को हुए दो धमाकों में 13 अमेरिकी सैनिकों समेत 200 लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में ज्घ्यादातर अफगान थे। आइएस-के ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले के 48 घंटे के भीतर ही अमेरिका ने शुक्रवार रात को इस्लामिक स्टेट-खुरासान (आइएस-के) के दो शीर्ष आतंकियों को मार गिराया था। गौर करने वाली बात है कि तालिबान ने पाकिस्तान की सीमा के पास नांगरहार प्रांत में किए गए इस ड्रोन हमले की निंदा की थी और इसे अफगानिस्तान की धरती पर हमला करार दिया था।