1971 जैसे नहीं हैं 2025 के हालात, दोनों युद्ध के मकसद अलग, सीजयफायर पर बोले शशि थरूर

Spread the love

नई दिल्ली , भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले कई दिनों से तनाव चल रहा है. दोनों देशों के बीच जंग के हालात बने हैं. हालांकि, 10 मई को शाम पांच बजे के बाद सीजफायर का ऐलान कर दिया गया था. बावजूद इसके पाकिस्तान ने गोलीबारी की. हालांकि, इंडियन आर्मी ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया. सीजफायर के बाद से देश में अलग-अलग बयान आ रहे हैं. कोई सीजफायर का समर्थन कर रहा है तो कोई विरोध. इस बीच, कांग्रेस सांसद शशि थरूर का एक बयान सामने आया है, जो चर्चा का विषय बन गया है. कांग्रेस सांसद ने कहा कि शांति जरूरी है. मैं सीजफायर से बहुत खुश हूं. भारत लंबे वक्त तक युद्ध कभी नहीं चाहता था. भारत आतंकवादियों को सबक सिखाना चाहचा था. मेरा मानना है कि उसे सबक सिखाया जा चुका है. उन्होंने कहा कि हम उस स्थिति मं पहुंच गए थे, जहां तनाव नियंत्रण से बाहर हो गया था. हमारे लिए शांति जरूरी है. सच ये है कि 1971 की परिस्थितियां 2025 की परिस्थिति नहीं है. ये युद्ध ऐसा नहीं था, जिसे हम जारी रखना चाहते थे. हम सिर्फ आतंकवादियों को सबक सिखाना चाहते थे और वह सबक सिखाया जा चुका है. थरूर ने उम्मीद जताई कि भारत पहलगाम हमले के आतंकियों को कड़ी से कड़ी सजा देगी.
1971 की जंग के पीछे का कारण अलग था- कांग्रेस नेता
थरूर ने बताया कि देश के मौजूदा हालातों की तुलना 1971 से की जा रही है. वह भी महान उपलब्धि थी. इंदिरा गांधी ने एक नया इतिहास लिखा. उन्होंने नए नक्शे को जन्म दिया. वे परिस्थितियां अलग थीं. बांग्लादेश नैतिक कारणों से लड़ रहा था. बांग्लादेश को आजाद करानमे के पीछे अलग उद्देश्य था. पाकिस्तान पर सिर्फ गोले दागते रहना ही हमारा उद्देश्य नहीं है. उस वक्त किए गए फैसले, उन हालातों को देखकर किया गया था. देश के आज जो हालात है, उनमें बहुत शांति है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *