दूसरा और कोई कारण ही नहीं, क्यों कटा वरुण गांधी का टिकट? मेनका ने किया खुलासा

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सुल्तानपुर । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद व अपने बेटे वरुण गांधी का टिकट कटने को लेकर उनकी मां मेनका गांधी ने बड़ा खुवासा किया है। मेनका गांधी ने वरुण गांधी को पीलीभीत से टिकट नहीं दिए जाने को लेकर कहा कि वहां से वरुण को होना चाहिए था लेकिन पार्टी ने फैसला कर लिया है, बस इतनी सी बात है। गौरतलब है कि भाजपा ने महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर अपनी ही सरकार के खिलाफ कई बार मुखर रहे वरुण गांधी का टिकट काटकर उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री और पूर्व सांसद जितिन प्रसाद को पीलीभीत से उम्मीदवार बनाया है।समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ इंटरव्यू में जब मेनका गांधी से पूछा गया कि क्या सरकार की आलोचना करने पर उनके बेटे वरुण को लोकसभा चुनाव का टिकट गंवाना पड़ा? इसके जवाब में मेनका गांधी ने कहा, “दूसरा और कोई कारण ही नहीं नजर आ रहा।” उन्होंने आगे कहा, “मुझे यकीन है कि वरुण लोकसभा चुनाव टिकट के बिना भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।”
पहले माना जा रहा था कि वरुण पीलीभीत से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दिन भी उन्होंने पर्चा दाखिल नहीं किया, जिसके बाद उनके इस सीट से चुनाव लड़ने की तमाम अटकलों पर विराम लग गया। तीन दशक में पहली बार मेनका गांधी और उनके पुत्र वरुण गांधी दोनों ही पीलीभीत सीट के लिए चुनाव मैदान में नहीं हैं। नेपाल से लगने वाली तराई पट्टी पर स्थित पीलीभीत से इस बार वरुण को टिकट न मिलना आश्चर्यजनक नहीं है क्योंकि किसानों, स्वास्थ्य, रोजगार जैसे मुद्दों को लेकर वह कई बार भाजपा की आलोचना कर चुके हैं।वरुण की मां मेनका सुलतानपुर संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रही हैं और भाजपा ने इसी सीट से उन्हें दोबारा टिकट दिया है। पीलीभीत सीट का प्रतिनिधित्व 1996 से मेनका गांधी या उनके पुत्र वरुण करते रहे हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के चचेरे भाई वरुण गांधी वर्ष 2009 में तथा 2019 में पीलीभीत से भाजपा के सांसद चुने गए थे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता मेनका गांधी ने कहा कि कितने वोट से जीतेंगे यह अनुमान नहीं लगा सकते लेकिन सुलतानपुर लोकसभा सीट जीतेंगे।

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