उत्तराखंड

मानसून सीजन के दौरान जलभराव की समस्या नहीं होनी चाहिए : सतपाल महाराज

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हरिद्वार।सिंचाई, लघु सिंचाई, लोक निर्माण, धर्मस्व एवं संस्कृति, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम प्रबन्धन, भारत नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजनां मंत्री सतपाल महाराज ने सीसीआर सभागार पहुंचकर बाढ़ नियंत्रण हेतु चल रही तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि कोई भी भू-भाग जलमग्न न हो, मैदानी क्षेत्रों में पानी निकासी हेतु पम्प की भी व्यवस्थाएं की जाये। भू-कटाव रोकने हुए संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षात्मक दृष्टि से कट्टों में रेत भरकर रखा जाये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि मानसून काल शुरू होने वाला है, बाढ़ नियंत्रण एवं भू-कटाव रोकने के लिए विस्तृत अध्ययन करते हुए नदियों को चैनलाइज किया जाये और चैनलाइज से सम्बन्धित फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी बनाकर रिकार्ड में रखी जाये ताकि कोई भी व्यक्ति चैनलाजेशन के विरूद्ध न्यायालय जाता है तो रिकॉर्ड प्रस्तुत किया जा सके। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि मॉ गंगा की धारा को चण्डी घाट के पास चैनलाइज करने के लिए विशेष सावधानी बरतते हुए ड्रोन से फोटो व वीडियोंग्राफी कराते हुए साइंटिफिक प्रस्ताव तैयार किया जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि विभिन्न नदियों, झीलों एवं डैमों पर बने गैट्स को चैक कर लिया जाये ताकि जल स्तर बढ़ने पर उन्हें खोलने में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। उन्होंने सिंचाई विभाग के अभियंताओं को निर्देश दिये कि विकसित देशों की पानी निकासी की आधुनिकतम तकनीकियों का यू-ट्यूब आदि के माध्यम से भी अध्ययन किया जाये और नवीनत तकनीकियों से अपडेट रहा जाये। श्री महाराज ने लोक निर्माण विभाग के अभियताओं को निर्देशित करते हुए कहा कि पुलों के अप-डाउन स्ट्रीम में 500 मीटर तक की दूरी तक खनन पर पैनी नजर बनाए रखे और किसी भी दशा में पुलों एवं पिलर्स को कोई नुकसान न हो।उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए राज्य के शहरों का मास्टर ड्रैनेज प्लान तैयार किया जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि जल निकासी हेतु लंढ़ौरा का मास्टर ड्रेनेज प्लान अलग से तैयार किया जाये, लक्सर में हडुवा नाला पर प्राथमिकता से कार्य किया जाये ताकि जल भराव की स्थिति न हो। छबरेड़ा क्षेत्र में सीला नाला को भी प्राथमिकता से ठीक किया जाये और यूपी तथा उत्तराखण्ड सिंचाई विभाग के अभियंता आपसी समन्वय से कार्य करना सुनिश्चित करें। उन्होंने सचिव सिंचाई को निर्देश दिये कि हरिद्वार में भगत सिंह चौक पर पानी की निकासी हेतु प्राथमिकता से बजट आवंटित किया जाये। उन्होंने सिंचाई विभाग के अभियंताओं को निर्देश दिये कि हरिद्वार के निचले क्षेत्रोें में भी जल निकासी के लिए प्रबन्धन किया जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि पतंजलि-सलेमपुर मार्ग पर पुलिया के स्थायी काम होने तक अस्थायी समाधान किया जाये ताकि आवागमन किसी भी दशा में बाधित न हो।महाराज ने सचिव सिंचाई विभाग के अभियंताओं को निर्देश देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड राज्य बाढ़ एवं आपदा की दृष्टि से सेंसिटिव जोन में होने के कारण राज्य में डैम सेफ्टी तथा रोड सेफ्टी विषय पर बढ़ा सम्मेलन आयोजित किया जाये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि राज्य में डैम सेफ्टी बहुत जरूरी है इसलिए सभी स्टैक होल्डर्स के साथ बैठक आयोजित की जाये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि बच्चों को आपदाओं के प्रति जागरूक करते हुए यह सूचना पहुँचाई जाये कि विभिन्न प्रकार की आपदाओं के समय क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।बैठक में सिंचाई विभाग के अभियंताओं ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण हेतु राज्य में 113 बाढ़ सुरक्षा चौकिया 15 जून तक स्थापित हो जायेंगी, जिनमें 24 घण्टे कर्मचारियों की तैनाती रहेगी और बाढ़ नियंत्रण चौकियों में आस-पास के जनप्रतिनिधियों के नम्बर भी उपलब्ध रहेंगे। राज्य में केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष सिंचाई खण्ड देहरादून में स्थापित किया गया है, जिसका दूरभाष नम्बर 9259144882 है। मानसून से पूर्व एवं मानसून सीजन हेतु तैयार कार्य योजना, डैम्स (डामों) एवं नदियों की स्थिति, बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों, जल भराव से निजात हेतु विभिन्न शहरों के मास्टर ड्रैनेज प्लान आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी।बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष संदीप गोयल तथा आशुतोष शर्मा, आशु चौधरी ने हरिद्वार सहित जनपद के विभिन्न स्थानों पर जल भराव के कारण एवं उनके निवारण के बारे में विस्तार से जानकारी दी।बैठक में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने जल भराव की स्थिति से निजात हेतु किये जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बैठक में दिये गये दिशा-निर्देशों का शतप्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराया जायेगा।बैठक में सचिव सिचाईं आर राजेश कुमार, अपर जिलाधिकारी दीपेन्द्र सिंह नेगी, नगर आयुक्त वरूण चौधरी, उप जिलाधिकारी मनीष सिंह, प्रमुख अभिंयता विभागाध्यक्ष जयपाल सिंह, मुख्य अभिंयता हरिद्वार शिव शंकर शाह, अधीक्षण अभियंता विजयकांत मौर्य, अधीक्षण अभियंता सुशील श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियंता संजय राज अधिशासी अभियंता मंजू डैनी, अधिशासी अभियंता पीडब्लूडी सुरेश तोमर उपस्थित थे।

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