नई दिल्ली , दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके के मामले में जांच एजेंसियों को नया सुराग मिला है। सूत्रों के अनुसार, करीब 8 संदिग्धों ने चार अलग-अलग स्थानों पर सिलसिलेवार विस्फोट करने की योजना बनाई थी। उनकी योजना थी कि चार समूहों में बंटकर दो-दो के ग्रुप में विभिन्न शहरों में जाकर धमाके किए जाएं। हर टीम के पास कई आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) ले जाने की तैयारी थी।
पहले भी यह जानकारी सामने आई थी कि आतंकियों ने दिवाली और गणतंत्र दिवस जैसे अवसरों पर धमाके करने की योजना बनाई थी।जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि 10 नवंबर की शाम लाल किले के पास हुए विस्फोट में शामिल व्यक्ति की पहचान डॉ. उमर मोहम्मद के रूप में हुई है। घटनास्थल से मिले मानव अवशेषों का डीएनए मिलान उमर के परिवार के सदस्यों से किया गया, जिससे उसकी पहचान की पुष्टि हो गई।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि डीएनए जांच में यह प्रमाणित हुआ है कि विस्फोट करने वाला व्यक्ति डॉ. उमर उन नबी था। धमाके के बाद उसका पैर स्टीयरिंग व्हील और एक्सीलेटर के बीच फंस गया था। उसका डीएनए सैंपल उसकी मां के सैंपल से मेल खाता है।
पुलिस के अनुसार, उमर मोहम्मद लाल किला मेट्रो पार्किंग विस्फोट में फिदायीन हमलावर था। वह फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में अध्यापक था। बताया जा रहा है कि वही व्यक्ति सोमवार को फरीदाबाद में जम्मू-कश्मीर पुलिस की छापेमारी के दौरान भाग निकला था। जांच में यह भी सामने आया है कि उसके कई साथी दिल्ली धमाके से जुड़े हुए हैं। पुलिस ने इस मामले में कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है और पूछताछ जारी है।