उत्तराखंड

व्यायाम शिक्षकों के पदों को समाप्त करने वाले शासनादेश का होगा विरोध

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नई टिहरी । राजकीय शिक्षक संघ ने हाईस्कूल व इंटर कालेजों सहित नव सृजित व उच्चीकृत विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा सहित वाणिज्य, कृषि, संगीत जैसे महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों के पदों को समाप्त करने का पुरजोर विरोध करने का निर्णय लिया है। इस बाबत राशिसं के जिलाध्यक्ष दिलबर सिंह ने प्रन्तीय नेतृत्व को सम्बोधित अपने पत्र के माध्यम से कहा कि जिस प्रकार उत्तराखण्ड के परिप्रेक्ष्य में तथा छात्रों की रुचि के अनुसार यह विषय उनके भविष्य निर्माण में अत्यधिक सहायक सिद्ध होते आ रहे हैं। खासकर क्रीड़ा के क्षेत्र में छात्रों ने विभिन्न स्तरों पर सफलता के परचम लहराकर अपना व अपने विद्यालय के साथ-साथ उत्तराखण्ड का नाम रोशन किया है। उत्तराखण्ड में सीमित संशाधनों के अभाव में छात्रों को माध्यमिक स्तर पर विद्यालय में ही शारीरिक शिक्षा (व्यायाम) शिक्षक के रूप में एक उत्कृष्ट कोच व मार्गदर्शक उपलब्ध हो जाता है। लेकिन दुर्भाग्य से नये शासनादेश में शारीरिक शिक्षा (व्यायाम) के पद सृजन न किये जाने की व्यवस्था अत्यन्त अफसोसजनक है। इसी प्रकार वाणिज्य, कृषि, संगीत विषय भी खासकर उत्तराखण्ड की सामाजिक, सांस्कृतिक एंव भैगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर छात्रों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण विषय हैं। रोजगार व भविष्य की सम्भावना के मध्यनजर इन विषयों में भी छात्रों के कैरियर चुनने के लिए माध्यमिक स्तर पर एक शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। इस प्रकार शिक्षकों के पदों को समाप्त करन वाले शासनादेश का टिहरी राशिसं पुरजोर विरोध करेगा। इसके लिए हर स्तर पर प्रांतीय व मंडल कार्यकारिणियों के साथ कदम से कदम मिलाकर सहयोग करेगा। इस मौके पर संघ के महामंत्री बुद्धि प्रसाद भट्ट व संरक्षक लक्ष्मण सिंह रावत मौजूद रहे।

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