नई दिल्ली , देश के प्रमुख अस्पतालों में से एक, मैक्स हॉस्पिटल में हेल्थ इंश्योरेंस के जरिए कैशलेस इलाज कराने वाले लाखों पॉलिसीधारकों के लिए बुरी खबर है। निवा बुपा , स्टार हेल्थ और केयर हेल्थ जैसी बड़ी बीमा कंपनियों ने पूरे भारत में मैक्स हॉस्पिटल की सभी शाखाओं में अपनी कैशलेस सुविधा तत्काल प्रभाव से बंद कर दी है।इस फैसले का मतलब है कि इन कंपनियों की पॉलिसी रखने वाले मरीजों को अब मैक्स अस्पताल में भर्ती होने पर इलाज का पूरा खर्च पहले खुद उठाना होगा। बाद में वे जरूरी बिल और दस्तावेज अपनी बीमा कंपनी में जमा करके खर्च की गई रकम का रीइंबर्समेंट क्लेम कर सकते हैं। बीमा कंपनियों ने स्पष्ट किया है कि रीइंबर्समेंट के लिए डिस्चार्ज समरी, सभी मेडिकल रिपोर्ट, डॉक्टर के पर्चे, बिल, आधार कार्ड, पैन कार्ड और एक कैंसिल चेक जैसे दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।
यह घटनाक्रम बीमा कंपनियों और अस्पतालों के बीच इलाज की दरों को लेकर बढ़ते तनाव का परिणाम है। कुछ दिन पहले ही, एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया , जिसमें मैक्स और फोर्टिस समेत देश के 20,000 से ज्यादा अस्पताल शामिल हैं, ने अपने सभी सदस्य अस्पतालों को 1 सितंबर से बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के ग्राहकों के लिए कैशलेस सुविधा बंद करने का निर्देश दिया था।
्र॥क्कढ्ढ ने इसी तरह का एक नोटिस केयर हेल्थ इंश्योरेंस को भी भेजा है और 31 अगस्त तक जवाब देने को कहा है। जवाब न मिलने पर केयर हेल्थ के पॉलिसीधारकों के लिए भी कैशलेस सुविधा बंद कर दी जाएगी।
अस्पतालों के संगठन ्र॥क्कढ्ढ के महानिदेशक डॉ. गिर्धर ग्यानी के अनुसार, भारत में मेडिकल खर्च हर साल 7-8त्न की दर से बढ़ रहा है, जिसमें कर्मचारियों का वेतन, दवाएं, उपकरण और अन्य खर्चे शामिल हैं। उनका आरोप है कि बजाज आलियांज जैसी बीमा कंपनियां इलाज की दरों को समय के साथ संशोधित करने की मांग को लंबे समय से खारिज कर रही हैं और उल्टे दरें कम करने का दबाव बना रही हैं। इसके अलावा, अस्पताल क्लेम सेटलमेंट और मरीजों को डिस्चार्ज अप्रूवल देने में होने वाली देरी से भी नाराज हैं। ्र॥क्कढ्ढ का कहना है कि पुरानी दरों पर इलाज मुहैया कराना अब संभव नहीं है और इससे मरीजों की देखभाल की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।