प्रशासन के रवैये पर एनएचएआई संघर्ष समिति व प्रभावितों ने जताई नाराजगी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : एनएचएआई विरोध संघर्ष समिति ने कोटद्वार बाईपास के निर्माण के प्रभावितों को बाजार दर पर मुआवजा देने की मांग की है। कहा कि वर्तमान में प्रभावितों की जमीन व भवनों के मनमाने दाम लगाए जा रहे हैं। जिससे प्रभावितों में भारी आक्रोश है। यही नहीं भूमि व भवन से जुड़े कई मुद्दे अब तक भी स्पष्ट नहीं हो पाए हैं। ऐसे में प्रशासन को प्रभावितों के हितों को लेकर गंभीरता से कार्य करना चाहिए।
शनिवार को तहसील सभागार में अपर जिलाधिकारी ईला गिरी ने प्रभावितों की शिकायतों को सुना। बैठक में कोटद्वार बाईपास के निर्माण के प्रभावित ग्रास्टनगंज, रतनपुर, कुंभीचौड़, जीतपुर, विशनपुर व नाथूपुर के पीड़ितों ने अपनी समस्याएं रखी। समिति के अध्यक्ष आशीष रावत ने बताया कि प्रभावितों को बाजार दर पर ही मुआवजा देने की योजना बनाई जानी चाहिए। कहा कि अभी तक गोल खातों को लेकर स्पष्ट नहीं हो पाया है कि गोल खाते की जमीन का मुआवजा किसको दिया जाए। कहा कि इस क्षेत्र में कई लोग कई वर्षों से अपना मकान बना कर रह रहे है, जिनके पास जमीनों के पट्टे भी है, लेकिन उन्हें मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। संघर्ष समिति से जुड़े प्रभावितों ने प्रशासन पर गुमराह करने का आरोप लगाया। कहा कि उन्हें मुआवजे को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है। जिससे प्रभावितों में असमनजस की स्थिति बनी हुई है। जिस पर अपर जिलाधिकारी इला गिरि ने राजस्व उपनिरीक्षक को एक समिति का गठन करने के निर्देश दिए। कहा कि समिति प्रत्येक प्रभावित के घर पर जाकर एनएचएआई से प्रभावित होने वाली जमीन का मूल्यांकन करेगी। सही मूल्यांकन करने के बाद उनकी सुनवाई की जाएगी। इस मौके पर सुनील रावत, ममता, सिद्धि देवी, धीरेंद्र सिंह रावत, संगीता तिवारी, लक्ष्मण सिंह, राजेंद्र तिवारी मौजूद रहे।