सोमवती अमावस्या पर हजारों ने लगाई गंगा में डुबकी, श्रद्घालुओं ने पिंडदान कर किया तर्पण

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हरिद्वार। पितृ दोष से मुक्ति और अपने पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए पितृ सोमवती अमावस्या पर सोमवार को श्रद्घालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। स्नान कर पितरों से निमित श्राद्घ कर्म आदि किए। अस्थि प्रवाह घाट और नारायणी शिला मंदिर में श्रद्घालुओं की भीड़ रही। पंडितों के अनुसार अमावस्या दो दिनों की होने पर पहले दिन श्राद्घ आदि की अमावस्या मनाई जाती है। अगले दिन स्नान-दान की अमावस्या होती है।
सोमवती अमावस्या 2022रू हरिद्वार में पावन स्नान आज, कोई पाबंदी नहीं, कम संख्या में पहुंचे श्रद्घालु
पितृ अमावस्या पर सोमवार को हरकी पैड़ी समेत अस्थि प्रवाह और अन्य घाटों पर हजारों की संख्या में श्रद्घालुओं ने स्नान किया। हरकी पैड़ी कुशाघाट और नारायणी शिला में बाहर से आए श्रद्घालुओं ने पितरों के प्रति पिंडदान कर तर्पण आदि करवाया। विद्वानों का कहना है कि पितृ सोमवती अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त किए जाने वाले सभी कार्यों से किसी भी प्रकार की पूर्व में हुई त्रुटि का सुधार होता है। पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है।
मकर संक्रांति स्नान की तरह इस बार पितृ सोमवती अमावस्या के स्नान पर कोई प्रतिबंध नहीं रहा। अस्थि प्रवाह घाट समेत अन्य घाटों पर श्रद्घालु स्नान करते हुए नजर आए। सोमवती अमावस्या के अवसर पर एक तरफ जहां अस्थि प्रवाह घाट पर पितरों से निमित कार्य कराने के लिए श्रद्घालुओं की भीड़ दिखाई दी। वहीं हरकी पैड़ी क्षेत्र में ठंड का असर नजर आया। हरकी पैड़ी क्षेत्र में सीमित संख्या में ही श्रद्घालु स्नान करते हुए नजर आए। गंगा स्नान करने के लिए आए श्रद्घालुओं से हरकी पैड़ी पर लगे उद्घोषणा यंत्रों से पुलिसकर्मी मास्क लगाने व सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने की लगातार अपील करते रहे।

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