चरस और स्मैक तस्करी में तीन आरोपी गिरफ्तार

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रुद्रप्रयाग। नशाखोरी के खिलाफ पुलिस, स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग सहित अनेक विभागों के आपसी तालमेल से अभियान चला रही है। इसी को लेकर पुलिस ने अभी तक तीन अलग-अलग मामलों में चरस एवं स्मैक की तस्करी के अभियुक्त गिरफ्तार किए हैं। साथ ही उनके खिलाफ न्यायिक कार्यवाही जारी है। जबकि जनपद के विद्यालयों एवं अन्य शिक्षण संस्थाओं के 100 मीटर की परिधि में तम्बाकू, गुटखा जैसे पदार्थों की बिक्री को लेकर छापेमारी अभियान चलाने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री द्वारा ड्रग्स फ्री देवभूमि अभियान को लेकर जिले में कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने बताया कि जिले में नशाखोरी के साथ साथ अवैध रूप से हो रही अफीम, खस-खस, एवं पोस्त आदि की खेती को रोकने के लिए सख्त कार्यवाहियां की जा रही हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को मेडिकल स्टोर में प्रतिबंधित नशीली गोलियों/दवाइयों की बिक्री रोकने के लिए लगातार छापेमारी की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एनडीपीएस एक्ट 1985 में गठित नार्को-समन्वय केंद्र के चलते केंद्र, राज्य एवं जिला स्तर की गतिविधियों का एकीकरण हुआ है जिससे नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों का सुदृढ़ीकरण हुआ है। बताया कि विद्यालयों एवं अन्य शिक्षण संस्थाओं के 100 मीटर की परिधि में तम्बाकू, गुटखा जैसे पदार्थों की बिक्री होने को लेकर संयुक्त छापेमारी की जाए एवं ऐसा करने वालों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाए।
इधर, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रल्हाद कोंडे ने बताया कि जनपद में मादक पदार्थों के तस्करों एवं नशाखोरी पर निगरानी एवं नियंत्रण के लिए जनपद के बॉर्डर एवं संवेदनशील क्षेत्रों में लगातार चैकिंग अभियान चल रहा है। बताया कि जिले में मादक पदार्थों की अवैध खेती के मामले बहुत कम ही देखने को मिलते हैं और मादक पदार्थों के दुष्प्रभावों के प्रति जनमानस को जागरूक करने के लिए स्कूलों, विद्यालयों, ग्राम, कस्बों, विभिन्न मेलों एवं सार्वजनिक स्थानों पर लगातार जनजागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं। युवाओं एवं आम नागरिकों को नशे से दूर रहने की अपील की। एनडीपीएस एक्ट के तहत पकड़े जाने पर आर्थिक दंड़ एवं 10 वर्ष तक की सजा के प्रावधान हैं। प्रभारी निरीक्षक कोतवाली एवं एंटी नारकोटिक्स टाक्स फोर्स के पूर्व प्रभारी मनोज नेगी ने बताया कि चरस, गांजा, भांग, कोकिन पाउडर, स्मैक, एलएसडी एवं नशीले इंजेक्शन इत्यादि नशीले पदार्थों की श्रेणी में आते हैं और उत्तराखण्ड पुलिस ऐप पर ऑनलाइन या 112 डायल करके भी आम नागरिक मादक पदार्थों के खिलाफ चल रही इस मुहिम में अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं।

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