उत्तराखंड

अनलाइन फूड डिलीवरी के नाम पर स्मैक तस्करी करने वाले तीन गिरफ्तार

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देहरादून। क्लेमेनटाउन पुलिस ने स्विगी और जोमैटो डिलीवरी ब्वय की आड़ में स्मैक तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड किया है। पुलिस ने तीन तस्करों को आशारोड़ी चेक पोस्ट के पास से गिरफ्तार किया है। जिसके कब्जे से भारी मात्रा में स्मैक, साढ़े तीन लाख की नकदी, मोबाइल, अल्टो कार और चार मोटर साइकिल बरामद हुआ है। इतना ही नहीं आरोपियों ने स्मैक बेचकर देहरादून में 25 लाख का एक फ्लैट भी खरीदा है। जिसे पुलिस सील करने जा रही है। गिरफ्तार आरोपियों में दो के खिलाफ पहले भी मुकदमे दर्ज हैं। दरअसल, बीती 28 अगस्त को नेहा सिंघल निवासी टर्नर रोड ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि टर्नर रोड स्थित एक जिम से उसका आईफोन 12 प्रो मैक्स किसी अज्ञात व्यक्ति ने चोरी कर ली है। पीड़िता की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीत किया गया। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए गठित पुलिस टीम ने जिम में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले। जिसमें एक युवक मोबाइल चोरी करता नजर आया। जिसकी तलाश के लिए पुलिस ने जिम के आसपास आने जाने वाले मार्गों पर लगे करीब 40 से 45 सीसीटीवी को चेक किया तो हेलमेट पहना एक व्यक्ति बाइक से जाता दिखा। जबकि, जिम के आसपास की फुटेज चेक करने पर उक्त व्यक्ति बिना हेलमेट के जिम से बाहर जाता दिखाई दिया था। वहीं, पुलिस की टीम ने बैक रूट के कैमरे चेक किए तो व्यक्ति को टाइटन फैक्ट्री के पास दूसरा व्यक्ति हेलमेट देते हुए नजर आया। ऐसे में बाइक के नंबर के जरिए उसे ट्रेस किया गया। बाइक नंबर के संबंध में जानकारी जुटाने पर वाहन सौरभ कुमार निवासी टीचर कलोनी देवबंद, सहारनपुर के नाम पर रजिस्टर मिला। इसी बीच मुखबिर से सूचना मिली कि जिम में चोरी के मामले में जिस आरोपी सौरभ कुमार की तलाश की जा रही है। वो अल्टो कार में सहारनपुर से देहरादून आने वाला है। सूचना पर पुलिस की टीम ने आशारोड़ी चेक पोस्ट और आरटीओ चेकपोस्ट के बीचे संदिग्ध अल्टो कार की चेकिंग शुरू की। चेकिंग के दौरान सहारनपुर की ओर से आ रही एक अल्टो कार को रोका गया तो उसमें तीन युवक सवार थे। पुलिस की पूछताछ में उन्होंने अपना नाम सौरभ कुमार, नीरज कुमार राणा और विशाल कुमार बताया। जिनकी तलाशी लेने पर उनके पास से टर्नर रोड स्थित जिम से चोरी किया गया मोबाइल, 7 लाख की स्मैक और तीन लाख 50 हजार रुपए नगद बरामद हुए।
देहरादून एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने बताया कि आरोपी विशाल और नीरज दोनों भाई हैं। जबकि, सौरभ उनके मोहल्ले का निवासी है। नीरज वर्तमान में चंद्रबनी चौक स्थित एक जिम में ट्रेनर का काम करता था। सौरभ और विशाल स्विगी व जोमैटो में डिलीवरी ब्वय का काम करते थे। नीरज और विशाल पिछले तीन चार सालों से देहरादून में रह रहे थे और पूर्व में थाना नेहरू कलोनी से चोरी के मामले में जेल भी जा चुके हैं।
जेल में दोनों की मुलाकात कुछ ड्रग्स पैडलर्स से हुई। जिनके संपर्क में आकर और जल्दी पैसा कमाने के लालच में उन्होंने स्मैक तस्करी का काम करने की योजना बनाई। इसके लिए दोनों ने अपने एक और साथी सौरभ को भी अपने साथ ले लिया। चूंकि, देहरादून में काफी शिक्षण संस्थान हैं, जिनमें काफी संख्या में बाहरी छात्रदृछात्राए पढ़ते हैं। जिन्हें आसानी से नशे का आदि बनाया जा सकता है। इसके अलावा पिछले तीन चार सालों से देहरादून में रहने के दौरान नशे के आदि काफी लोग उनके संपर्क में आ गये थे। देहरादून पुलिस की लगातार ड्रग्स पैडलर्स के खिलाफ हो रही कार्रवाई को देखते हुए उनका धंधा नहीं चल पा रहा था। ऐसे में उन्होंने एक तरकीब खोजी। इसके लिए उन्होंने लोगों तक स्मैक की डिलीवरी करने के लिए डिलीवरी ब्वय के रूप में काम करने की योजना बनाई। आरोपियों ने बताया कि स्विगी व जोमैटो वाले रातभर लोगों को खाने पीने के सामान की डिलीवरी करते हैं। ऐसे में उन पर किसी को भी शक नहीं होता था। इसी की आड़ में वो आसानी से स्मैक को संबंधित व्यक्ति तक डिलीवर करते थे। योजना के मुताबिक, सौरभ और विशाल स्विगी व जोमैटो में डिलीवरी बय का काम करने लगे। विशाल देवबंद से सस्ते दामों में स्मैक को खरीद कर देहरादून लाता था। नीरज और सौरभ डिलीवरी ब्वय बनकर स्मैक को खरीदारों तक पहुंचाते थे। चोरी किए गए मोबाइल के संबंध में जानकारी लेने पर नीरज ने बताया कि वो पहले टर्नर रोड़ स्थित जिम में ट्रेनर के रूप में काम करता था। ऐसे में उसे जानकारी थी कि वहां पर काफी लोग महंगे मोबाइल लेकर जिम करने के लिए आते हैं। जिन्हें आसानी से चोरी किया जा सकता है, लेकिन जिम में कैमरे लगे होने के कारण पकडेघ् जाने के डर से उसके भेष बदलकर चोरी करने की योजना बनाई। योजना के मुताबिक सौरभ ने वहां मुस्लिम पहनावे व मुंह पर मास्क लगाकर चोरी की घटना को अंजाम दिया।

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