डी आइस प्रोजेक्ट पर तीन दिवसीय कार्यशाला शुरू
श्रीनगर गढ़वाल : गढ़वाल विवि के भूगर्भ विज्ञान विभाग द्वारा चौरास परिसर स्थित एक्टिविटी सेंटर में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय भारत सरकार के तहत मंगलवार को वित्त पोषित डी आइस प्रोजेक्ट पर तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ। जिसमें ग्लेशियरों पर होने वाले प्रभावों, जलवायु परिवर्तन और उनके भीतर पिघले हुए पानी, बर्फ और अन्य सामग्री की सांद्रता पर चर्चा की जाएगी। भूगर्भ विभाग के संकायध्यक्ष प्रो. एचसी नैनवाल और डेब्रीस आइस प्रोजेक्ट के मुख्य अन्वेषक एमएस सती ने बताया कि प्रोजेक्ट के तहत मलबे से ढके ग्लेशियरों की गतिशीलता और विशेषताओं को समझना है। प्रोजेक्ट देश-विदेश के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर शोध कर रहा है। कार्यशाला में पहले दिन विश्व में आ रहे वातावरण के प्रभाव एवं हिमनदों के अचानक ग्लोफ जैसी घटनाओं से आम जनमानस को बचाने के लिए चर्चा की गई। बताया कि यूरोप के बुग्यालों के साथ-साथ हिमालयी बुग्यालों में हो रहे परिवर्तनों के बारे में गहन चर्चा कर वैज्ञानिकों ने चिंता व्यक्त की है। भूगर्भ विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एमपीएस बिष्ट ने बताया कि कार्यशाला में यूनिवर्सिटी ऑफ जूरिख, ग्राजे यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, ऑस्ट्रिया, इंस्टिट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंस, चेन्नई, आइज़र पुणे, आईआईटी बॉम्बे, जेआईवाईएस कोलकाता, भूगर्भ विभाग, भौतिकी विभाग और भूगोल विभाग के संकाय सदस्य एवं शोध छात्र प्रतिभाग कर रहे हैं। (एजेेंसी)