देहरादून। शिक्षा विभाग का महानिदेशक का पद भी ब्यूरोक्रेसी की प्रयोगशाला बनता जा रहा है। नौ महीने के भीतर ही सरकार ने चार महानिदेशकों को बदल डाला है। प्रदेश के सबसे बड़े विभाग के रूप में स्थापित शिक्षा विभाग को जब तक अधिकारी थोड़ा बहुत समझ पाता है, तब तक उसकी छुट्टी हो जा रही है। बीते रोज देर रात जारी हुई आईएसए अफसरों के तबादले की लिस्ट देखकर शिक्षा विभाग में सब हैरान हैं। दरअसल, पिछले महीने दस मई को शिक्षा विभाग के 17 वें महानिदेशक के रूप में ज्वाइन करने वाले आईएएस अभिषेक रूहेला को सरकार ने 40 दिन बाद हटा दिया गया। रुहेला शिक्षा विभाग के पहले ऐसे महानिदेशक बन गए हैं, जिन्हें शिक्षा विभाग में काम करने के लिए केवल 40 दिन का ही वक्त मिला। इससे पहले वर्ष 2012 में आईएसएस पीएस जंगपांगी को भी सरकार ने महानिदेशक के रूप में काम करने के लिए 48 दिन का वक्त दिया था। मालूम हो कि पिछले साल सितंबर 2024 में सरकार ने तत्कालीन महानिदेशक बंशीधर तिवारी को हटाकर झरना कमठान को महानिदेशालय की कमान सौपी थी। आठ महीने में विभाग के साथ काफी कुछ पटरी पर बैठा चुकी झरना को 10 मई 2025 को हटाते हुए अभिषेक रुहेला को जिम्मेदारी दी। बीते रोज रुहेला को भी हटा कर श्रम विभाग और उद्यान निदेशक का दायित्व देख रहीं दीप्ति सिंह को महानिदेशक बनाया गया है। तिवारी और झा ही सबसे ज्यादा वक्त रहे महानिदेशक शिक्षा विभाग में महानिदेशक के रूप में आईएएस बंशीधर तिवारी ही टिके रहे हैं। शिक्षा विभाग में 12 अगस्त 2021 को पंद्रहवें महानिदेशक के रूप में आए तिवारी तीन साल 27 दिन तक कार्यरत रहे। उनसे पहले वरिष्ठ आईएसएस राधिका झा ही सर्वाधिक एक साल आठ महीने तक डीजी पद पर रहीं थीं।