कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर तीन घंटे ठप रहा यातायात, एंबुलेंस भी फंसी

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विकासनगर। लगातार हो रही बारिश के कारण जौनसार बावर की लाइफ लाइन कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर आवाजाही ठप हो रही है। मंगलवार शाम पांच बजे जजरेड़ भूस्खलन जोन में भारी मात्रा में मलबा आने के कारण यातायात ठप हो गया था। रात आठ बजे के करीब लोक निर्माण विभाग ने मलबा हटाकर यातायात बहाल किया। जबकि बुधवार दोपहर को हुई बारिश के कारण एक बार फिर मार्ग पर तीन घंटे तक आवाजाही ठप रही। इस दौरान बच्ची को लेकर अस्पताल जा रही एंबुलेंस भी तीन घंटे तक फंसी रही। हर दिन मार्ग पर यातायात ठप होने से स्थानीय लोगों का जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है। कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर जजरेड़ भूस्खलन जोन अब नासूर बन गया है। बरसात शुरू होते ही यहां पहाड़ी से मलबा, पत्थर आने का सिलसिला शुरू हो जाता है, जिससे आवाजाही ठप हो जाती है। बुधवार दोपहर हुई बारिश से भी मार्ग बाधित हो गया, जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। विकासनगर से अपने घरों को लौट रहे लोगों को तीन घंटे तक वाहनों में बैठकर ही इंतजार करना पड़ा। जबकि कई काश्तकार अपनी नगदी फसलों को लेकर विकासनगर मंडी जा रहे थे, जो समय से नहीं पहुंच पाए, जिससे उन्हें औने पौने दामों पर अपनी फसल बेचनी पड़ी। स्थानीय निवासी दीवान सिंह, पूरण सिंह, सरदार सिंह, जवाहर सिंह, संतराम ने बताया कि जजरेड़ भूस्खलन जोन के ट्रीटमेंट के लिए जिम्मेदार गंभीर प्रयास नहीं कर रहे हैं, जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि भूस्खलन जोन का स्थायी समाधान किया जाना चाहिए। उधर, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता रचना थपलियाल ने कहा कि बारिश के कारण जजरेड़ में मलबा, पत्थर गिर रहे हैं, लेकिन मार्ग पर यातायात सुचारू करने के लिए दो जेसीबी तैनात की गई हैं। बुधवार को करीब तीन घंटे बाद यातायात बहाल कर दिया गया। पशुपालक परेशान लगातार बारिश के कारण पशुपालकों के पशु पिछले तीन दिन से चुगान के लिए नहीं जा पा रहे हैं। बारिश के चलते पशुपालक बकरियों व भेड़ के लिए चारा पत्ती भी नहीं ला पा रहे हैं। तीन दिन से लगातार बारिश चलने के कारण पशु गोशाला में ही बंधे हुए हैं। महावीर सिंह, ग्यारू दत्त, सोबन सिंह, दीप चंद्र जोशी ने बताया कि दो दिन ऐसे ही बारिश चली तो पशुपालकों को चारा पत्ती के लिए समस्या बढ़ जाएगी। किसानों की बढ़ी दिक्कतें बारिश से अमलावा का जलस्तर बढ़ने से किसानों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। बार बार मार्ग बंद होने के कारण नगदी फसलें मंडी तक नहीं पहुंच रही हैं, जिससे उन्हें नुकसान झेलना पड़ रहा है। स्थानीय किसान संतन सिंह बिष्ट, प्रमोद रावत, दिलवर सिंह चौहान ने बताया कि अभी तक टमाटर, मिर्च, धनिया की फसल समय पर मंडी नहीं पहुंचने से करीब 30 प्रतिशत तक नुकसान हो चुका है।

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