एक महिला समेत तीन लोग हुए दोषमुक्त

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : वन्य जीव अंग तस्करी से संबंधित एक मामले में सिविल जज (जूडि) की अदालत ने एक महिला समेत तीन लोगों को दोषमुक्त करार दिया है। दरअसल, वन महकमा मामले में ऐसे सुबूत पेश नहीं कर पाया, जिससे आरोपितों पर दोष सिद्ध हो पाता।
बताते चलें कि आठ सितंबर 2019 को कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक के निर्देश पर वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो, कार्बेट टाइगर रिजर्व व लैंसडौन वन प्रभाग की संयुक्त टीमों ने कोटद्वार में एक मारूति इको कार से खाल व हड्डियां बरामद की। बरामद खाल सीरों (हिरण प्रजाति का जानवर) की थी, जबकि हड्डियां, नाखून व दांत गुलदार के थे। मामले में ग्राम कुलासू निवासी मीनाक्षी पत्नी आशीष सिंह, कार चालक ग्राम गिवाली (पिंगलापाखा) निवासी कमलेश पुत्र कुंवर सिंह राणा और ग्राम कुलासू निवासी राजेश पुत्र पीतांबर को गिरफ्तार किया गया। करीब दो माह बाद छह नवंबर को विभाग ने अभियुक्तगणों के विरुद्ध परिवाद दर्ज किया। छह अप्रैल 2023 से मामले में न्यायालय में साक्ष्य प्रारंभ हुए। अभियुक्तगण के अधिवक्ता जीतेंद्र सिंह रावत ने बताया कि करीब ढाई वर्ष तक चली सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से मामले में आठ गवाह प्रस्तुत किए गए। जबकि बचाव पक्ष की ओर से कोई गवाह नहीं था। बताया कि सुनवाई के दौरान यह सवाल भी उठा कि भीड़भाड़ वाले स्थान पर गिरफ्तारी किए जाने के बाद भी विभाग ने स्वतंत्र गवाह क्यों नहीं बनाया। साथ ही अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर पाया कि उनकी ओर से लगाए गए आरोप सही हैं। नतीजा, सिविल जज (जूडि) सोनिया ने तीनों को दोषमुक्त करार दिया।

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