उत्तराखंड

बंदी के कगार पर कुरझण गांव में तीन स्कूल

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रुद्रप्रयाग। अगस्त्यमुनि ब्लक के ग्राम सभा क्वीली और कुरझण गांव में स्थित तीनों विद्यालय बंदी के कगार पर पहुंच गए हैं। शिक्षक न होने से विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र अन्यत्र स्कूलों में चले गए हैं जबकि हाईस्कूल और जूनियर हाईस्कूल में महज 2-2 शिक्षक ही तैनात है जिससे गांव के लोग शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। कुरझण निवासी सामाजिक कार्यकर्ता मोतीराम पुरोहित ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजकर शीघ्र ही शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे अहम विषय पर संज्ञान लेते हुए ग्रामीणों को उक्त दोनों सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की है। मोतीराम पुरोहित के साथ ही ग्राम प्रधान प्रमोद पांडेय ने बताया कि क्वीली, कुरझण और जोंदला गांव में करीब 250 की आबादी है जबकि तीनों क्षेत्रों में स्थित प्राथमिक, जूहा एवं हाईस्कूल में शिक्षकों की भारी कमी बनी है। कई बार प्रशासन, शिक्षा विभाग और मुख्यमंत्री को भी सूचित किया गया है किंतु कोई सुनने वाला नहीं है। यही कारण है कि तीनों गांवों से लगातार पलायन हो रहा है। अभिभावक अपने बच्चों को दूसरे विद्यालयों में भेज रहे हैं। पुरोहित ने बताया कि 1943 में श्रमदान से ग्रामीणों ने प्राथमिक विद्यालय बनाया। जबकि 1983-84 में जूनियर हाईस्कूल खोला गया। वर्ष 2007-08 में जनता के अथक प्रयासों से गांव में हाईस्कूल खुला किंतु तीनों विद्यालयों का बुरा हाल है। यही हाल स्वास्थ्य सुविधा का भी है। ग्रामीणों को गांव में ही बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही है जिससे लोग धीरे-धीरे गांवों से शहरी क्षेत्रों में जा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से शीघ्र ग्रामीणों की समस्या देखते हुए कार्रवाई की मांग की है।

 

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